बिहार में पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में हुए खर्च को लेकर जो जानकारी सामने आई है, उसे जानकर आप चौंक जाएंगे. चुनाव कराने में होने वाले भारी भरकम खर्च को लेकर हमेशा से चर्चा होती रही है. शायद इसीलिए सरकार वन नेशन वन इलेक्शन जैसे बिल पर चर्चा कर रही है. इस बीच चुनाव आयोग ने बिहार में हुए लोकसभा चुनाव में हुए खर्च का ब्योरा दिया है.
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Bihar Lok Sabha Election Expense: बिहार में पिछले साल हुए लोकसभा चुनावों में 40 संसदीय क्षेत्रों के लिए कुल खर्च 824 करोड़ रुपये पहुंच गया, जो की 2019 के लोकसभा चुनावों के मुकाबले लगभग 42% अधिक है. हालांकि, यह खर्च बढ़ने के बावजूद मतदान प्रतिशत में एक प्रतिशत से भी ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई है, जो चुनाव आयोग के लिए चिंता का विषय बन गया है.
चुनाव के लिए खर्च बढ़ाने के कारण
बिहार में 2024 के लोकसभा चुनाव सात चरणों में 43 दिनों के दौरान हुए थे, जिसमें बड़ी संख्या में मतदान कर्मियों और सुरक्षा बलों की तैनाती की गई थी. चुनाव में खर्च बढ़ने के कुछ प्रमुख कारण बताए गए हैं, जिनमें खर्च में वृद्धि के ये कारण बताए गए हैं:-
मतदान कर्मियों के मानदेय में 30-40% की वृद्धि
अधिग्रहित वाहनों के मुआवजे में 25-40% की वृद्धि
ईंधन की कीमतों में 50% की वृद्धि
मतदान केंद्रों की संख्या में 8% की वृद्धि
अर्धसैनिक बलों की प्रतिनियुक्ति में 70% की वृद्धि
वेबकास्टिंग वाले मतदान केंद्रों में 400% की वृद्धि
मतगणना/चेकपोस्ट स्थलों पर 100% सीसीटीवी की इंस्टालेशन
5 वर्षों के अंतराल के कारण सभी सामग्रियों की दरों में वृद्धि
मतदान दलों के लिए केंद्रों पर अलग से टेंट की व्यवस्था
इसके अलावा, 2019 की तुलना में अधिक भीषण गर्मी के कारण अधिक टेंट लगवाने की आवश्यकता पड़ी, जिस कारण भी खर्च बढ़ा. पोलिंग बूथों की संख्या में भी 8% का इजाफा हुआ और चुनाव सामग्री की दरों में भी वृद्धि देखी गई.
2019 के मुकाबले बढ़ा खर्च
बिहार में 2024 लोकसभा चुनावों के दौरान कुल 77,462 पोलिंग बूथ थे, जो 2019 के चुनावों के मुकाबले 4,739 अधिक थे. 2019 में चुनाव खर्च 579.42 करोड़ रुपये था. इस बार हर विधानसभा क्षेत्र पर औसतन 2.92 करोड़ रुपये खर्च हुए, जबकि 2019 में यह राशि 2.25 करोड़ रुपये थी.
मतदान प्रतिशत में गिरावट
दिलचस्प बात यह है कि जबकि चुनावों में खर्च बहुत बढ़ा, मतदान प्रतिशत में कमी आई. 2024 में राज्य में औसतन 56.28% मतदान हुआ, जबकि 2019 में यह आंकड़ा 57.33% था, जो 1.05% की गिरावट को दर्शाता है. 2020 के विधानसभा चुनावों में भी लगभग यही स्थिति थी, जब राज्य में 57.34% मतदान हुआ था.
बढ़ते खर्च के बावजूद मतदान प्रतिशत में कमी पर चिंता
मुख्य चुनाव अधिकारी एचआर श्रीनिवास ने इस पर चिंता जताई और कहा कि आगामी विधानसभा चुनावों में विशेष प्रयास किए जाने चाहिए ताकि वोटरों की भागीदारी बढ़ सके. बिहार में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए राज्य सरकार और चुनाव आयोग को सामूहिक रूप से उपायों पर विचार करना होगा, ताकि नागरिकों की जागरूकता और भागीदारी में सुधार हो सके.
2024 के लोकसभा चुनावों में खर्च में भारी वृद्धि के बावजूद मतदान प्रतिशत में कमी ने चुनाव आयोग और राज्य सरकार के सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है. इसे देखते हुए आगामी चुनावों के लिए नई रणनीतियों की आवश्यकता महसूस की जा रही है, ताकि जनता की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जा सके.
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