Bihar bridge collapse Video: पुल हादसे पर भाजपा के 'सम्राट' ने नीतीश को दिया 2 ऑप्शन, घेरे में आए सुशासन बाबू!
Advertisement
trendingNow0/india/bihar-jharkhand/bihar1725935

Bihar bridge collapse Video: पुल हादसे पर भाजपा के 'सम्राट' ने नीतीश को दिया 2 ऑप्शन, घेरे में आए सुशासन बाबू!

बिहार के भागलपुर जिले में बन रहे गंगा नदी पर सुल्तानगंज-खगड़िया अगुवानी घाट पुल भरभराकर गंगा नदी में समा गया. बता दें कि 7 डेड लाइन और दो बार पहले हादसों का शिकार हो चुका यह पुल अब बिहार में सियासत का केंद्र बन गया है.

(फाइल फोटो)

Bihar bridge collapse Video: बिहार के भागलपुर जिले में बन रहे गंगा नदी पर सुल्तानगंज-खगड़िया अगुवानी घाट पुल भरभराकर गंगा नदी में समा गया. बता दें कि 7 डेड लाइन और दो बार पहले हादसों का शिकार हो चुका यह पुल अब बिहार में सियासत का केंद्र बन गया है. नीतीश कुमार इस पुल को अपनी ड्रीम प्रोजेक्ट मानते हैं. अब जब यह पुल भरभराकर तो नीतीश कुमार ने इसके जांच के आदेश दे दिए वहीं दूसरी तरफ नीतीश सरकार में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने पुल की डिजाइन पर ही सवाल खड़े कर दिए. भाजपा नीतीश सरकार को इस मामले पर घेरने में लगी है. बता दें कि सोमवार को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी और बिहार सरकार के पूर्व पथ निर्माण मंत्री नितीन नबीन ने मीडिया के सामने जमकर नीतीश और तेजस्वी को खरी-खोटी सुनाई. 

सम्राट चौधरी ने इस दौरान कहा कि नीतीश को बताना चाहिए कि इस पुल हादसे का जिम्मेदार कौन है. इस पुल का शिलान्यास 2014 में खुद नीतीश कुमार ने किया था. उस वक्त तो पथ निर्माण विभाग उनके हाथ में था. 2022 में इस पुल का स्ट्रक्टर गिरा तो इसको लेकर IIT रुड़की मे रिपोर्ट सौंपी थी. उस रिपोर्ट में साफ था कि पुल के स्ट्रक्चर में कुछ खामियां हैं फिर सवाल उठता है कि इसके निर्माण के काम को आगे मंजूरी कैसे दी गई. 

ये भी पढ़ें- Bihar bridge collapse Video: पुल हादसे पर नीतीश दे रहे जांच का आदेश, तेजस्वी बता रहे डिजाइन में फॉल्ट!

बता दें कि लगभग 1750 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाला ये पुल दो बार पहले ही हादसे का शिकार हो चुका है जबकि रविवार को हुआ पुल हादसा तो खौफ पैदा करनेवाला है. इस पुल के निर्माण साइट पर काम करनेवाला एक गार्ड लापता है जिसका पता अभी तक नहीं चल पाया है. ऐसे में सम्राट चौधरी ने नीतीश कुमार को दो ऑप्शन दिए. एक या तो इस पूरे मामले की पटना हाईकोर्ट के सिटिंग जज या सीबीआई से जांच कराई जाए या फिर वह इसको लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे. उन्होंने साफ कहा कि नीतीश कुमार की देखरेख में यह भ्रष्टाचार हो रहा है. 
 
वहीं दूसरी तरफ पूर्व पथ निर्माण मंत्री नितिन नबीन ने कहा कि पुल का डिजाइन तो 2016 में फाइनल हो गया था. पुल इसके बाद दो बार हादसे का शिकार हुआ लेकिन इसके निर्माण को रिपोर्ट आने के बाद क्यो नहीं रोका गया. उन्होंने कहा कि तेजस्वी इसके डिजाइन में खामियां गिना रहे हैं और 2022 में अक्टूबर में इसके काम को चालू करवा दिया, क्या तब इस कमी को दूर किया गया था?  

नितिन नबीन ने कहा कि इसी साल जब सदन में कांग्रेस के अजीत शर्मा और जेडीयू के विधायक डॉ संजीव ने इसको लेकर सदन में सवाल उठाया था तो तेजस्वी यादव ने तब कहा था कि आप लोग निश्चिंत रहिए काम अच्छे ढंग से चल रहा है. इसमें किसी तरह का भ्रष्टाचार नहीं हो रहा है. तब तेजस्वी सदन में सर्टिफिकेट दे रहे थे. ऐसे में अगर डिजाइन में फॉल्ट था तो तेजस्वी ने इस काम को फिर से क्यों चालू करवाया? 

Trending news