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पटना : रमजान का महीना आनेवाला है, इससे ठीक पहले बिहार के मुस्लिम कर्मचारियों को नीतीश सरकार की तरफ से तोहफा दिया गया है. जिसपर अब सियासत तेज हो गई है. दरअसल रमजान के मद्देनजर बिहार सरकार ने मुस्लिम कर्मचारियों को राहत देने के लिए आदेश जारी कर कहा है कि वह अपने नीयत समय से एक घंटे पहले कार्यालय आएं और अपने निर्धारित कार्यालय के समय से एक घंटे पहले कार्यालय को छोड़ सकते हैं. इसको लेकर राज्य सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से सर्कुलर भी जारी कर दिया गया है.
Bihar government has granted permission to Muslim employees and officials to come to the office one hour before the scheduled time and leave the office one hour before the scheduled time during the month of Ramzan: State General Administration Department pic.twitter.com/7oEL46fRhH
— ANI (@ANI) March 18, 2023
सर्कुलर में साफ कहा गया है कि रमजान के महीने में बिहार सरकार के अंदर काम करनेवाले सभी मुस्लिम कर्मचारी और अधिकारी अपने कार्यालय के समय से एक घंटे पहले उपस्थित होकर अपने निर्धारित कार्यलय की अवधी से एक घंटे पहले वापस जा सकते हैं. सर्कुलर की मानें तो जो आदेश दिया गया है उसके अनुसार जहां अटेंडेंस सिस्टम बायोमेट्रिक है, वहां भी इसी के हिसाब से उपस्थिति दर्ज करने के बारे में कहा गया है.
बता दें कि रमजान का महीना 23 या 24 मार्च से इस साल शुरू हो सकता है इसकी संभावना जताई जा रही है. इसमें पहले दिन का रोजा लगभग 13 घंटे 27 मिनट का होगा वहीं रमजान के आंतिम दिन यह समय बढ़कर 14 घंटे 12 मिनट का हो जाएगा. रमजान का महीना मुसलमानों का सबसे पवित्र महीना है इस महीने में रोजेदार मुस्लिम सूरज निकलने के 1 घंटा पहले से लेकर सूर्यास्त होने तक कुछ भी नहीं खाते हैं. नीतीश सरकार के इस फैसले को लेकर भाजपा की तरफ से भी नवरात्रि-रामनवमी के लिए भी सर्कुलर जारी करने की मांग उठने लगी है.
बिहार सरकार के इस फैसले का विरोध सोशल मीडिया पर शुरू हो गया है. लोग सोशल मीडिया पर इसे नीतीश सरकार का मुस्लिम तुष्टिकरण वाला फैसला बता कर इस फैसले का विरोध कर रहे हैं. वहीं सरकार के इस फैसले को जदयू और राजद के नेता समाज में अच्छा संदेश देने और धर्मनिरपेक्षता को मजबूत करने वाला बता रहे हैं तो दूसरी तरफ भाजपा ने इस पर तंज कसते हुए कहा कि नीतीश सरकार हिंदुओं के लिए तो ऐसे फैसले नहीं ले रही है. हिंदुओं को भी सरकार को चैत्र नवरात्रि और रामनवमी के त्योहार पर इसी तरह की रियायत मिलनी चाहिए थी.