Kaal Bhairav: नैनीताल के पास स्थित घोड़ाखड़ बटुक भैरव मंदिर में गोलू देवता के रूप में पूजा जाता है, और यहां भक्त अपनी मन्नतों को पूरा होने के लिए घंटी दान करते हैं. साथ ही नई दिल्ली के चाणक्य पुरी में स्थित बटुक भैरव मंदिर में भक्तों को बाबा भैरव की सिर्फ चेहरा दिखाई देती है, जिसे वे श्रद्धापूर्वक पूजते हैं.
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Kaal Bhairav Mandir: 5 दिसंबर 2023 को काल भैरव जयंती है. भारत में भगवान शिव के रौद्र स्वरूप के प्रति पूजा के रूप में इस जयंती को मनाया जाता है. भारत में बाबा काल भैरव के कई प्रसिद्ध मंदिर हैं, जहां भक्तों का आत्मविश्वास बढ़ता है और सभी संकटों का समापन होता है.
बता दें कि भारत में काशी के भैरव मंदिर को सबसे प्रमुख माना जाता है, जहां काल भैरव को काशी का कोतवाल कहा जाता है. इस मंदिर के दर्शन से ही बाबा विश्वनाथ की पूजा पूरी होती है और भक्तों को आशीर्वाद मिलता है. उज्जैन के काल भैरव मंदिर में भक्तों द्वारा बाबा भैरव को मदिरा चढ़ाई जाती है, जिससे उन्हें आनंद और शांति का अहसास होता है.
नैनीताल के पास स्थित घोड़ाखड़ बटुक भैरव मंदिर में गोलू देवता के रूप में पूजा जाता है, और यहां भक्त अपनी मन्नतों को पूरा होने के लिए घंटी दान करते हैं. साथ ही नई दिल्ली के चाणक्य पुरी में स्थित बटुक भैरव मंदिर में भक्तों को बाबा भैरव की सिर्फ चेहरा दिखाई देती है, जिसे वे श्रद्धापूर्वक पूजते हैं.
दिल्ली के पुराने किले के पास स्थित किलकारी भैरव मंदिर भी बहुत प्रसिद्ध है और इसे पांडवों के द्वारा बनवाया गया है. इसका नाम किलकारी है, क्योंकि यहां बच्चे का खुशी से चिल्लाने का भैरव का प्रतीक है. इन मंदिरों में भक्तों का आत्मविश्वास बढ़ता है और वे अपनी मन्नतें पूरी करने के लिए यहां आते हैं. इस शुभ दिन पर भक्तों ने अपनी भक्ति और श्रद्धा का प्रदर्शन करते हैं, जिससे वे भगवान के आशीर्वाद को प्राप्त करते हैं.
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