Weekly Vrat Tyohar 30 Sep To 06 October 2024: आचार्य मदन मोहन बताते हैं कि मासिक शिवरात्रि का व्रत भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना के साथ उनके आशीर्वाद को प्राप्त करने का उत्तम अवसर होता है. इस दिन भगवान शिव के मंत्रों का जाप करना, जैसे 'ॐ नमः शिवाय' और 'महामृत्युंजय मंत्र' बेहद फलदायी होता है.
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Weekly Vrat Tyohar 30 Sep To 06 October 2024: इस सप्ताह की शुरुआत शारदीय नवरात्रि से होगी, जो सनातन धर्म में बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है. इस दौरान मां दुर्गा और उनके नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है. आचार्य मदन मोहन से आइए जानते हैं कि 30 सितंबर से 6 अक्टूबर तक कौन-कौन से प्रमुख व्रत और त्योहार मनाए जाएंगे.
आचार्य मदन मोहन के अनुसार 30 सितंबर 2024 को मासिक शिवरात्रि का पर्व है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा की जाती है. हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को आने वाली मासिक शिवरात्रि का सनातन धर्म में विशेष महत्व है.
1 अक्टूबर को पितृ पक्ष की चतुर्दशी है, जिसे सर्वपितृ अमावस्या से एक दिन पहले मनाया जाएगा. इस दिन पितरों के लिए तर्पण और पिंडदान किया जाता है, ताकि उनके आत्माओं को शांति मिले.
2 अक्टूबर को आश्विन अमावस्या का पर्व है. इसे सर्वपितृ अमावस्या भी कहा जाता है और यह पितृ पक्ष के समापन का प्रतीक होती है. इस दिन पितरों का विशेष पूजन किया जाता है और माना जाता है कि इस दिन पितृ अपने लोक में वापस चले जाते हैं.
2 अक्टूबर को वर्ष का अंतिम सूर्य ग्रहण भी लगेगा, लेकिन यह भारत में दिखाई नहीं देगा. इसलिए इस ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा. फिर भी, ग्रहण के समय कुछ सावधानियां बरतना जरूरी होता है.
3 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होगी. इस दिन घटस्थापना के साथ मां दुर्गा के पहले स्वरूप शैलपुत्री की पूजा की जाएगी. नवरात्रि का यह पर्व मां दुर्गा की आराधना का विशेष समय माना जाता है.
4 अक्टूबर को शारदीय नवरात्र का दूसरा दिन होगा, जिसमें मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप की पूजा होगी.
5 अक्टूबर को नवरात्र का तीसरा दिन है, इस दिन मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा की विशेष पूजा की जाएगी.
6 अक्टूबर को नवरात्र का चौथा दिन होगा, जिसमें मां दुर्गा के चौथे रूप मां कुष्मांडा की पूजा की जाएगी. साथ ही, इस दिन विनायक चतुर्थी का पर्व भी मनाया जाएगा, जो भगवान गणेश की पूजा का दिन है.
आचार्य के अनुसार यह सप्ताह धार्मिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है, जिसमें शारदीय नवरात्रि और पितृ पक्ष के समापन का विशेष महत्व है.
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