SIS के नाम जुड़ी एक और उपलब्धि, 'आत्मनिर्भर राष्ट्र' के क्षेत्र में काम कर रही कंपनियों की लिस्ट में शामिल
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SIS के नाम जुड़ी एक और उपलब्धि, 'आत्मनिर्भर राष्ट्र' के क्षेत्र में काम कर रही कंपनियों की लिस्ट में शामिल

ग्रेट प्लेस टू वर्क इंस्टिट्यूट (Great Place to Work Institute) द्वारा निजी सेक्टर में काम करने वाली देश की सबसे बड़ी सुरक्षा कंपनी SIS को टॉप-15 नेशन बिल्डर सम्मान से सम्मानित किया गया है.

एसआईएस ग्रुप के प्रबंध निदेशक हैं ऋतुराज सिन्हा. (तस्वीर साभार-ट्विटर)

Patna: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के 'आत्मनिर्भर भारत' के संकल्प को पूरा करने में एसआईएस कंपनी भी जुटी है. दरअसल, राष्ट्र को आत्मनिर्भर बनाने के क्षेत्र में काम कर रही कंपनियों के लिस्ट में अब एसआईएस (SIS) ने भी जगह बना ली है. SIS बिहारी की सिंगल मल्टीनेशनल कंपनी है. साथ ही ये सिंगल पब्लिक लिस्टेड कंपनी भी है जिसका शेयर 'बॉम्बे स्टॉक इक्स्चेंज' (Bombay Stock Exchange) में चलता है और इसका रेजिस्टर्ड ऑफिस आज भी पटना में ही है.

  1. SIS कंपनी में 32 हजार युवा बिहारी पा रहे रोजगार.
  2. ग्रेट प्लेस टू वर्क इंस्टिट्यूट द्वारा मिला टॉप-15 नेशन बिल्डर का अवॉर्ड.
  3. 80 के दशक में हुई थी कंपनी की स्थापना.

 

32 हजार बिहारी युवाओं का मिल रहा रोजगार
वहीं, कंपनी रोजगार देने के क्षेत्र में भी अहम योगदान दे रही है. जानकारी के अनुसार, SIS में कुल कर्मचारी की संख्या 2 लाख से भी अधिक है. साथ ही, इसमें 32,000 बिहारी युवा स्थाई रोजगार पा रहे हैं. प्रोविडेंट फंड रिकॉर्ड (Provident Fund Record) के आधार पर SIS बिहार की सबसे बड़ी निजी क्षेत्र की एम्प्लॉअर कंपनी है.

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कंपनी को मिले कई सम्मान
ग्रेट प्लेस टू वर्क इंस्टिट्यूट (Great Place to Work Institute) द्वारा निजी सेक्टर में काम करने वाली देश की सबसे बड़ी सुरक्षा कंपनी SIS को टॉप-15 नेशन बिल्डर सम्मान से सम्मानित किया गया है. साथ ही इस कंपनी को देश की 31 बेस्ट एम्प्लॉअर के सर्टिफिकेट से भी नवाजा गया है.

नियुक्ति बढ़ाने पर जोर
जानकारी के अनुसार, कंपनी की स्थापना बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा (RK Sinha) ने 80 के दशक में की थी. हालांकि, बीते 20 वर्षों से इसका नेतृत्व अब उनके पुत्र ऋतुराज सिन्हा (Rituraj Sinha) कर रहे हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार, करोना की दूसरी लहर और लॉकडाउन हटने के बाद, SIS प्रबंधन ने बिहार से नियुक्ति बढ़ाने का निर्णय लिया है, ताकि गृह प्रदेश में बिहार के युवाओं को नियुक्ति अभियान में प्राथमिकता दी जा सके.

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