Shanidev Upaay: शनिदेव की साढ़ेसाती-ढैय्या, महादशा और प्रकोप से बचाएंगे ये उपाय, ध्यान दें कि न हो कोई चूक
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Shanidev Upaay: शनिदेव की साढ़ेसाती-ढैय्या, महादशा और प्रकोप से बचाएंगे ये उपाय, ध्यान दें कि न हो कोई चूक

Shanidev Shanka Smadhan: माना जाता है कि हनुमान मंदिर जितनी ऊँचाई पर होते हैं. उतने ही सिद्ध होते हैं. यदि अचानक कोई खतरनाक कष्ट आ जाए या परेशानियों से मुक्ति नहीं मिल पा रही हो, तो किसी भी शिखर या पहाड़ पर स्थित श्री हनुमान जी के मंदिर में जाकर उन्हें गुरु रूप में प्रणाम करें.

Shanidev Upaay: शनिदेव की साढ़ेसाती-ढैय्या, महादशा और प्रकोप से बचाएंगे ये उपाय, ध्यान दें कि न हो कोई चूक

पटनाः Shanidev Shanka Smadhan: शनिदेव न्याय के देवता हैं. माना जाता है कि वह जिस पर प्रसन्न हो जाएं तो उसे छप्पर फाड़ कर ऐश्वर्य देते हैं और किसी पर वक्रदृष्टि से देख भर लें तो उस पर उनकी महादशा लग जाती है. शनि की महादशा के भयंकर परिणाम बताए गए हैं. इसके अलावा ढैय्या और साढ़ेसाती भी उनके कुप्रभाव को बताने के लिए वर्णित किए जाते हैं. ऐसे में शनिदेव को मनाने के लिए शनिवार को कई युक्तियां और उपाय किए जा सकते है. इनमें से कुछ उपाय कठिन हैं तो कुछ सरल. आप अपनी क्षमता के अनुसार इन उपायों को अपना सकते हैं. 

हनुमान जी की पूजा का उपाय
अगर आप पर शनिदेव का संकट है तो हनुमान जी की पूजा करें. शनिवार को हनुमान जी की पूजा करने से शनि के कुप्रभाव दूर होने लगते हैं. शनि के द्वारा हो रही किसी शंका या कष्ट के समाधान के लिए ये उपाय करें. हनुमानजी को भगवान के स्थान पर गुरु मानकर उनकी पूजा करें तो वह जल्दी ही कृपा करते हैं. ऐसे में गुरु हनुमान के सामने रोज एक दीप आटे का बनाकर, घी की बाती लगाकर जलाएं. अब हनुमान चालीसा की सिद्ध चौपाई पढ़ें.
जय-जय-जय हनुमान गुंसाईं,
कृपा करो गुरूदेव की नाईं.
इसे ग्यारह बार से लेकर चौबीस बार तक करें. ऐसा करने से हनुमान जी कृपा करते हैं. 

ऊंचाई पर स्थित हनुमान मंदिर का उपाय, इस मंत्र का जाप करें
ऊँ शिवकल्यानेश्वर नमः शिवाय!! मंत्र जाप करें, तो जीवन में हर समस्या का समाधान कुछ ही दिनों मे हो जाता है. इस मंत्र का जाप हनुमान जी की पूजा करते हुए उनके सामने करें. मंत्र के जाप से सब ताप, तपन, रोग, दोष, आदि जलकर खाक हो जाते हैं. माना जाता है कि हनुमान मंदिर जितनी ऊँचाई पर होते हैं. उतने ही सिद्ध होते हैं. यदि अचानक कोई खतरनाक कष्ट आ जाए या परेशानियों से मुक्ति नहीं मिल पा रही हो, तो किसी भी शिखर या पहाड़ पर स्थित श्री हनुमान जी के मंदिर में जाकर उन्हें गुरु रूप में प्रणाम करें.

इस स्थान पर एक या चौबीस दीपक पान के पत्ते पर रखकर गुरु जी की चौबीस परिक्रमा चौबीस दिन लगातार करने से कैसा भी र्दुभाग्य दोष, आपदा सन्तति, विवाह अवरोध दूर ही हो जाते हैं. कार्य पूर्ण होने पर उस स्थान पर 108 दिन के दीपक जलाने हेतु घी दान करें. एक घंटा टंगवायें. 11 या 108 गरीब बच्चों को भोजन करवाएं. 108 इलाचयी, 54 लोंग तथा 28 मखानों की एक ही माला बनाकर अपने गुरू जी (श्री हनुमान जी) को अर्पित करें.

शनि की साढ़ेसाती, पनौती, ढईया एवं प्रकोप से बचने का उपाय
रविवार को सुबह सूर्योदय से पहले यानी प्रातः 4 से 5 बजे के बीच किसी जोशी या शनि महाराज को छायादान करें. इसके लिए कांसे या मिट्टी का पात्र में तेल भरकर राहु के एक तेल का दीपक जलाकर अपना चेहरा देखकर जोशी को दान करें. इसके साथ ही घर में उड़द की दाल के मंगोड़े बनाकर, दहीबड़ा एवं तिल के लड्डू, काला वस्त्र, छतरी, जूते शहद या मधु पंचामृत तथा इमरती आदि साथ में दान करें. यह सब प्रक्रिया मुख्य दरवाजे पर खड़े होकर करें. इसके बाद स्नान करके घर के मंदिर में देशी घी के 5 दीपक जलाएं. शनि का प्रकोप शान्त होने लग जाएगा. 7 दिन में यदि 40 फीसदी राहत महसूस करें, तो यह छायादान 7 बार करें.

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