बिल्लियों को अलग-अलग शक्तियों और स्वभाव के प्रतीक माना गया है. कुछ लोग इन्हें शुभ संकेत मानते हैं, जबकि कुछ लोगों को इनके दिखने को अशुभ माना जाता है. इसलिए, बिल्ली के रास्ते काटने पर कुछ लोगों को आपसी विश्वास और अंधविश्वास की भावना होती है.
विज्ञान के अनुसार बिल्लियों को जंगली जीवन में जीने की आदत होती है. यह उनका प्राकृतिक संबंध हैऔर यह उन्हें अपने आप को सुरक्षित महसूस करने में मदद करता है.
बिल्ली के रास्ते काटने पर लोगों को ऐसा लगता है कि उनके शुभ कार्य खराब हो जाएगा. अगर बिल्ली रास्ता काटती है तो शुभ संकेतों में कमी आएगी. इस बात को कुछ लोग मानते हैं तो कुछ नहीं मानते हैं.
कई लोग बिल्ली के रंग को लेकर भी गंभीर होते है. सफेद, लाल व अन्य रंग की बिल्ली को सब पसंद करते हैं तो वहीं काली बिल्ली को लोग दूर भागते है.
धार्मिक और सांस्कृतिक कथाओं में बिल्लियों को शक्ति और सुरक्षा के प्रतीक के रूप में देखा जाता है. इससे उनके रास्ते काटने पर अंधविश्वास उत्पन्न होता है.
कई लोग बिल्ली को पालन पोषण करना पसंद करते हैं तो कई लोग ऐसे हो जो बिल्ली से दूर भागते है.
कुछ लोगों का मानना है कि अगर बिल्ली रास्ता काटती है तो उनका शुभ कार्य खराब हो सकता है. इसलिए कई लोग इस सब से बचते है.
विज्ञानिक का कहना है कि बिल्लियां आमतौर पर स्वाभाविक रूप से स्वत: को ग्रूम करती हैं. उनके नाखून तेज होते हैं और यह उनके पैर और पंजे को स्वस्थ रखने में मदद करता है.
बिल्ली के भोजन की बात करें तो वो चूहा है. ऐसे में बिल्ली के जरिए ये संक्रमण लोगों में ना फैले इसलिए बिल्ली से दूरी बनाकर रखा जाता है.
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