Guru Grah Upay: पुखराज या उपरत्न सुनेला या सोनल भी धारण किया जा सकता है, क्योंकि ये रत्न गुरु दोष निवारण के लिए अच्छे माने जाते हैं. गुरु ग्रह के बीज मंत्र 'ऊँ बृं बृहस्पते नम:' का जाप करना भी उपयुक्त है, जो गुरुवार के दिन किया जा सकता है.
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Guru Grah Upay: गुरु ग्रह को ही बृहस्पति ग्रह कहा जाता है और ज्योतिष में यह बहुत ही महत्वपूर्ण ग्रहों में से एक है. इसका जीवन पर गहरा प्रभाव होता है. गुरु ग्रह को ज्ञान, भाग्य, ऐश्वर्य, संतान, विवाह, धार्मिक कार्य, धन और दान-पुण्य का कारक माना जाता है. इसे सूर्य के बाद सबसे बड़ा ग्रह माना जाता है.
गुरु ग्रह की कमजोर स्थिति से व्यक्ति को विभिन्न समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि आर्थिक, शारीरिक, संतान, वैवाहिक समस्याएं आदि. कुंडली में गुरु की कमजोर स्थिति आभाग्य को प्रभावित कर सकती है और विभिन्न जीवन क्षेत्रों में रुकावटें आ सकती हैं. गुरु ग्रह को मजबूत बनाने के लिए कुछ उपाय होते हैं. गुरुवार को गुरुवार का व्रत रखना, गुरुवार के दिन गुरु बृहस्पति की पूजा करना और 'ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः' मंत्र का जाप करना गुरु को मजबूती प्रदान कर सकता है.
गुरुवार के दिन नहाने के पानी में हल्दी मिलाकर स्नान करना भी उपयुक्त है. यह गुरु ग्रह को मजबूत बनाने में मदद कर सकता है. पुखराज या उपरत्न सुनेला या सोनल भी धारण किया जा सकता है, क्योंकि ये रत्न गुरु दोष निवारण के लिए अच्छे माने जाते हैं. गुरु ग्रह के बीज मंत्र 'ऊँ बृं बृहस्पते नम:' का जाप करना भी उपयुक्त है, जो गुरुवार के दिन किया जा सकता है.
कुंडली में गुरु को मजबूत बनाने के लिए बड़े-बुजुर्गों का सम्मान करना, गरीबों की मदद करना और पीले रंग की वस्तुएं जैसे पीली दाल, हल्दी, केसर, पीले वस्त्र, पीतल आदि का दान करना भी उपयुक्त है.
Disclaimer: जानकारी के लिए बता दें कि यह सभी उपाय ज्योतिष की परंपरागत बातें हैं और इन्हें अपनाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए.
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