Diwali Air Polluation : पटना में जिला प्रशासन की तमाम कवायद रही बेकार, लोगों ने जमकर की आतिशबाजी
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Diwali Air Polluation : पटना में जिला प्रशासन की तमाम कवायद रही बेकार, लोगों ने जमकर की आतिशबाजी

पटना शहर में सुप्रीम कोर्ट, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और एनजीटी के आदेश के मुताबिक जिला प्रशासन नियमों का ठीक से पालन नहीं करा पाया. शहर में जिला प्रशासन की तमाम कवायद बेकार रही. साथ ही बता दें कि पिछले साल के मुकाबले इस वर्ष सबसे अधिक पटाखे फोड़े गए. 

Diwali Air Polluation : पटना में जिला प्रशासन की तमाम कवायद रही बेकार, लोगों ने जमकर की आतिशबाजी

पटना: Diwali Air Polluation: पटना में दीपावली की रात जिला प्रशासन के प्रतिबंध के बावजूद लोगों ने जमकर पटाखे फोड़े. बता दें कि घर में लक्ष्मी पूजन के बाद सोमवार शाम से ही पटना शहर में गली-गली आतिशबाजी का सिलसिला शुरू हो गया, जो करीब देर रात तक चला. लगातार आतिशबाजी की वजह से स्थिति थोड़ा ज्यादा ही खराब हो गई. धुआं के साथ वातावरण में पहले से मौजूद धूलकणों ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है. पटना में दिवाली पर सामान्य से लगभग पांच गुणा अधिक शोर हुआ. इसके अलावा किसी भी सामान्य वातावरण में एयर क्वालिटी का इंडेक्स 50 के आसपास होना चाहिए. जो दिवाली पर 250 से ऊपर चला गया. यह हाल तब था जब जिला प्रशासन ने आतिशबाजी पर रोक लगा रखी थी.

शहर में नियमों का पालन नहीं कर पाए लोग
बता दें कि पटना शहर में सुप्रीम कोर्ट, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और एनजीटी के आदेश के मुताबिक जिला प्रशासन नियमों का ठीक से पालन नहीं करा पाया. शहर में जिला प्रशासन की तमाम कवायद बेकार रही. साथ ही बता दें कि पिछले साल के मुकाबले इस वर्ष सबसे अधिक पटाखे फोड़े गए. अगर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की मानें तो दिवाली के दिन वर्ष 2015 के बाद सोमवार को सबसे अधिक वायु प्रदूषण देखने को मिला. यह हाल तब था जब जिला प्रशासन ने पूरे शहर में आतिशबाजी पर रोक लगा रखी थी.

आतिशबाजी से लोग रहे परेशान
विभागीय सूचना के आधार पर बता दें कि दिवाली पर इस वर्ष पटना में हवा में 1140 माइक्रोगाम प्रतिघम मीटर धूलकण मिले है. इस बार मानक से 11 गुना अधिक धूलकण हवा में फैले है. शहर में महीन धूलकण की मात्रा मानक से कई गुना अधिक पाई गई है. विशेषज्ञों के अनुसार महीन धूलकण मानव स्वास्थ्य के लिए सबसे अधिक नुकसानदायक हैं. इसके अलावा सबसे अधिक तेज ध्वनि वाले पटाखे शहर की कई गलियों में फोड़े गए. शहर को गली चौराहों पर रात आठ बजे से लेकर देर रात डेढ़ बजे तक जमकर आतिशबाजी हुई. तेज पटाखे के शोर से सबसे अधिक छोटे बच्चे, बुजुर्ग और दिल के मरीज परेशान रहे.

पटना शहर के किस जिले में कितना रहा ध्वनि प्रदूषण
 
क्षेत्र                          डेसिबल(अधिकतम)

शास्त्रीनगर                        76

कंकड़बाग                        111
 
तारामंडल                         101

पाटलिपुत्र औद्योगिक क्षेत्र    119

बोरिंग रोड                         121

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