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Patna: Nitish Reaction on CBI ED Action: बिहार की राजनीति में इन दिनों हड़कंप मचा हुआ है. बिहार में महागठबंधन की सरकार का क्या होगा इसको लेकर लोग अंदेशा जता रहे हैं. दरअसल लालू परिवार के खिलाफ सीबीआई और ED एक्शन में है. पहले CBI ने राबड़ी देवी से पूछताछ की और फिर मीसा भारती और लालू यादव से नौकरी के बदले जमीन मामले में पूछताछ करने पहुंच गई. अब तेजस्वी यादव को सीबीआई ने पूछताछ के लिए समन जारी किया है. जबकि वह अपनी पत्नी की बीमारी का हवाला देकर सीबीआई के सामने उपस्थित नहीं हुए हैं.
वहीं सीबीआई के ठीक बाद इस पूरे मामले पर ईडी ने एक्शन दिखाया है. ईडी ने लालू यादव की तीन बेटियों के साथ तेजस्वी के दिल्ली वाले घर और लालू के सबसे करीबी नेता अबु दोजाना के ठिकानों पर छापेमारी की. आपको बता दें कि सूत्रों का दावा है कि इस छापेमारी में काफी मात्रा में कैश और सोना बरामद हुआ है. इस पूरे मामले और लालू परिवार के खिलाफ जारी एक्शन पर नीतीश कुमार बयान देने से बचते रहे हैं. शुक्रवार को जब नीतीश से इस पर सवाल किया गया तो वह इसे अनसुना कर निकल गए. जबकि अब नीतीश कुमार इस मामले में बोल रहे हैं.
बता दें कि लालू परिवार के खिलाफ एक्शन के बाद सबसे पहले जदयू की तरफ से ललन सिंह ने बयान दिया. इससे पहले जदयू के नेता और मंत्री भी इसपर बयान देने से बचते नजर आए. ललन सिंह ने कहा कि नौकरी के बदले जमीन मामले में सीबीआई दो बार जांच कर साक्ष्य नहीं जुटा पाई, लेकिन 9 अगस्त 2022 के बाद अचानक दिव्यशक्ति से उनको साक्ष्य मिलने लग गया और माननीय लालू प्रसाद जी एवं उनके परिजनों के यहां भारी छापेमारी हुई, खोदा पहाड़ निकली चुहिया. अरे भाई...! साक्ष्य नहीं भी मिलता तो साक्ष्य दिखाने के लिए पालतू तोतें कुछ भी कर सकते हैं। गाय का सींग भैंस में और भैंस का सींग गाय में जोड़ रहे हैं. अखबार कहता है- 'एके इंफोसिस्टम के कारण छापा डाला गया है'... जिसका नौकरी से कोई लेना-देना नहीं है. लेकिन खैर पालतू तोतें अपने मालिक का निर्देश पाकर कुछ भी कर सकते हैं, अघोषित आपातकाल जो है. गर्भवती महिला और छोटे-छोटे बच्चों के साथ इस तरह का निर्मम आचरण देश में पहली बार हुआ है, देश इसको याद रखेगा. दमन चाहे जितना कर लें, 2024 में देश भाजपा मुक्त होगा.
बता दें कि इसके पहले दिल्ली में मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद एजेंसियों की कार्रवाई के खिलाफ कई दलों ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखी थी इस चिट्ठी का समर्थन जदयू की तरफ से नहीं किया गया. ना ही चिट्ठी पर जदयू के नेताओं के हस्ताक्षर थे. इसपर नीतीश कुमार ने कहा सभी दल की अपनी-अपनी सोच होती है, जिन पार्टियों को जो लगता है वह पार्टियां वैसा काम करती हैं.
अब नीतीश कुमार ने इस मामले पर अपनी राय रखी है और कहा कि वह जब से महागठबंधन का हिस्सा बने हैं लालू परिवार के खिलाफ रेड शुरू हो गई है. उन्होंने कहा कि 2017 में कार्रवाई हुई थी अब हम फिर से एक साथ हो चुके हैं फिर से कार्रवाई 5 साल बाद शुरू हुई है. जो मामले की जानकारी मांगी जा रही है यह लोग (लालू परिवार के लोग) जवाब दे रहे हैं. वहीं नीतीश ने आगे सीबीआई के मिस यूज किए जाने के सवाल पर कहा कि 2017 में जो कार्रवाई हुई 5 साल बाद फिर दूसरी बार कार्रवाई हुई है तो ऐसे में इसे क्या समझा जाए. नीतीश कुमार ने आगे कहा कि आप जांच कर ही रहे हैं तो जांच कर लीजिए.