सिलाव प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक ऋषिकेश पटेल ने बताया कि कोनीपर गांव में कुछ लोगों को चिकन पॉक्स हो गया है. जिसके बाद चिकित्सक की एक टीम जांच के लिए पहुंची तो काफी संख्या में लोग चिकन पॉक्स के शिकार पाए गए.
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नालंदा : नालंदा के सिलाव प्रखंड के कोनीपर गांव में चिकन पॉक्स का कहर देखने को मिला. जहां एक गांव के 20 बच्चो में चिकेन पॉक्स का लक्षण पाया गया है. सभी को इलाज के लिए सिलाव प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया. जहां सभी का इलाज कराया जा रहा है.
चिकन पॉक्स से गांव में दहशत का माहौल
सिलाव प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक ऋषिकेश पटेल ने बताया कि कोनीपर गांव में कुछ लोगों को चिकन पॉक्स हो गया है. जिसके बाद चिकित्सक की एक टीम जांच के लिए पहुंची तो काफी संख्या में लोग चिकन पॉक्स के शिकार पाए गए. जिसके बाद सभी को इलाज के लिए सिलाव प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया है. बता दें कि अचानक गांव में काफी संख्या में चिकन पॉक्स के मिलने के बाद लोगों में काफी दहशत का माहौल देखा जा रहा है. बच्चों का कहना है गले में घुटन महसूस कर रहे है और शरीर के हिस्से में दाने दाने फैल गया है. जिसके कारण उन्हें जलन भी हो रहा है.
चिकन पॉक्स से होता है वरिसेल्ला जोस्टर नामक विषाणु
डॉक्टरों के अनुसार चिकन पॉक्स होने के कारण वरिसेल्ला जोस्टर नाम का विषाणु होता है. इस विषाणु के शिकार लोगों के पूरे शरीर में फुंसियों जैसी चक्तियां विकसित होती हैं. अक्सर इसे गलती से खसरे की बीमारी समझी जाती है. इस बीमारी में रह रह कर खुजली करने का बहुत मन करता है और अक्सर इसमें खांसी और बहती नाक के लक्षण भी दिखाई देते हैं.
इनपुट - राजेश कुमार