सिंचाई परियोजना में हो रही करोड़ों रुपये की हेराफेरी, गबन का आरोपित रोकड़पाल गिरफ्तार
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सिंचाई परियोजना में हो रही करोड़ों रुपये की हेराफेरी, गबन का आरोपित रोकड़पाल गिरफ्तार

मामला कई सालों से फाइलों में दबा हुआ था. जैसे ही मामला विभाग के मंत्री और आला अधिकारी तक पहुंचा तो इस मामले में फिर से विभागीय जांच की गई.

सिंचाई परियोजना में हो रही करोड़ों रुपये की हेराफेरी, गबन का आरोपित रोकड़पाल गिरफ्तार

जहानाबाद: जहानाबाद के उदेरा स्थान सिंचाई परियोजना में एक करोड़ 32 लाख 20 हजार रुपये की सरकारी राशि के गबन मामले में पुलिस की विशेष तत्त्परता के कारण रविवार सुबह गवन के मुख्य आरोपित रोकड़पाल राजू कुमार गिरफ्तार कर लिया. वहीं एक अन्य मुख्य आरोपित तत्कालीन कार्यपालक अभियंता की तलाश जारी है. पुलिस का कहना है कि जल्द ही तत्कालीन कार्यपालक अभियंता की भी गिरफ्तारी हो जाएगी.

क्या है पूरा मामला
दरअसल, यह पूरा मामला बिहार सरकार की महत्वकांक्षी योजना जहानाबाद के उदेरा स्थान सिंचाई परियोजना से जुड़ा है. अरबों रुपये की इस योजना में ठेकेदार से लेकर विभागीय अधिकारी व कर्मी ने भ्रष्टाचार की गंगा में जमकर डुबकी लगाई है. इस मामले में भंडाफोड़ तब हुआ जब निर्माण एजेंसी द्वारा सिक्योरिटी मनी के रूप में जमा की गई एक करोड़ 32 लाख 20 हजार की एफडी को मिलीभगत से न्यारा ब्यारा कर दिया गया. हैरत की बात तो यह थी कि इस मामले में नगर थाने में दो-दो एफआईआर दर्ज की गई, लेकिन किसी मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी एक साल तक नहीं हो सकी. इस मामले में सबसे पहले वर्ष 2018 में तत्कालीन कार्यपालक अभियंता अरविंद कुमार की लिखित शिकायत पर निर्माण एजेंसी एवं बैंक प्रबंधक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है.

आला अधिकारियों की मिली भगत से हो रहा था भ्रष्टाचार
बता दें कि यह मामला कई सालों से फाइलों में दबा हुआ था. जैसे ही मामला विभाग के मंत्री और आला अधिकारी तक पहुंचा तो इस मामले में फिर से विभागीय जांच की गई. विभागीय जांच में तत्कालीन कार्यपालक अभियंता अरविंद कुमार और रोकड़पाल राजू कुमार समेत चार लोगों को इस मामले में दोषी पाया गया. दोषी पाए जाने के बाद विभाग ने वर्तमान कार्यपालक अभियंता को तत्कालीन कार्यपालक अभियंता एवं रोकड़पाल राजू कुमार समेत अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया.

सीएम ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए एसपी को दिया निर्देश 
बता दें कि मामला गर्म होने के बाद आनन-फानन में नगर थाने में कांड संख्या 142/22 के तहत भारतीय दंड संहिता की धारा 409, 420, 467, 468, 471 व 120 बी के तहत एफआईआर दर्ज की गई. मामला तो दर्ज हो गया, लेकिन इस मामले में पुलिस को जितनी तत्परता दिखानी चाहिए थी, उसकी एक चौथाई भी तत्परता आरोपितों की गिरफ्तारी में नहीं दिखी. एफआईआर के दर्ज हुए लगभग एक साल गुजर गए,लेकिन केस के अनुसंधानकर्ता और नगर थानाध्यक्ष ने इतनी बड़ी सरकारी राशि के गबन मामले में कोई तत्परता नहीं दिखाई, जबकि एसपी ने इस मामले में बहुत पहले से ही गिरफ्तारी का निर्देश दे रखा था. 

बता दें कि इतनी बड़ी सरकारी राशि की हेराफेरी और गबन के मामले में आरोपितों के खिलाफ नगर थाना पुलिस की यह दरियादिली कई सवाल खड़े कर रहे थे. यहां बताते चले कि डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के वाणावर दौरे के दरम्यान स्थानीय विधायक सतीश कुमार ने डिप्टी सीएम के सामने सारे तथ्यों को रखा था जिसको लेकर डिप्टी सीएम ने एसपी को 15 दिनों के अंदर आरोपी को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया था उसके बाद पुलिस हरकत में आई और आरोपी रोकड़पाल की गिरफ्तारी हो सकी.

इनपुट- मुकेश कुमार

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