क्या शादी के लिए जरूरी है कुंडली मिलान? जानें क्या-क्या लगेगा इससे पता
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क्या शादी के लिए जरूरी है कुंडली मिलान? जानें क्या-क्या लगेगा इससे पता

शादी-ब्याह के रिश्ते यूं भी आम नहीं होते हैं जिसे किसी खेल की तरह हार और जीत के तौर पर देखा जाए. इन रिश्तों में सबसे ज्यादा मर्यादा और दूसरा परिवार के साथ सामंजस्य को देखा जाता है. शादी-ब्याह इसलिए सनातन संस्कृति में एक त्यौहार की तरह होता है.

(फाइल फोटो)

Kundali Milan: शादी-ब्याह के रिश्ते यूं भी आम नहीं होते हैं जिसे किसी खेल की तरह हार और जीत के तौर पर देखा जाए. इन रिश्तों में सबसे ज्यादा मर्यादा और दूसरा परिवार के साथ सामंजस्य को देखा जाता है. शादी-ब्याह इसलिए सनातन संस्कृति में एक त्यौहार की तरह होता है. जिसमें एक घर से बेटी की डोली उठती है और दूसरे परिवार में बहु के रूप में पहुंचती है. इसके साथ ही दोनों परिवार एक दूसरे से हमेशा के लिए रिश्तों के बंधन में होते हैं और हमेशा मर्यादा में रहने का संकल्प लेते हैं. 

ऐसे में शादी-ब्याह से पहले लड़का-लड़की के आचार-व्यवहार, सोच सबको देखा जाता है. ऐसे में अगर जीवनसाथी आप स्वयं से चुन रहे हैं या फिर परिवार की मर्जी से शादी कर रहे हैं अपने पारिवारिक जीवन को सुखमय और आनंदमय बनाने के लिए आपको कुंडली मिलान करनी चाहिए. हालांकि आज के समय में कम लोग ही इसे मानते हैं लेकिन ज्योतिष एक ऐसा वैदिक गणित है जिसकी गणना से लड़का-लड़की के 36 गुणों के मिलान का पूरा खाका तैयार किया जाता है. ऐसे में इन 36 में से अधिकतर गुण अगर दोनों के मिल रहे हों तो इस जोड़ी को श्रेष्ठकर जोड़ी माना जाता है. 

ऐसे में ज्योतिष शास्त्र कहता है कि अगर किसी लड़का-लड़की की शादी से पहले कुंडली मिलान हो और उनके गुण मिल रहे हों तभी शादी करना चाहिए अन्यथा नहीं. ज्योतिष शास्त्र विज्ञान और गणित का बेहतरीन सामंजस्य है जो हमारे जीवन के भूत, भविष्य और वर्तमान को बेहतर तरीके से गणना करने का माध्यम है. ऐसे में यहां ग्रहों नक्षत्रों और राशियों के मिलान से एक पूरी प्रक्रिया के तहत इस निष्कर्ष पर पहुंचा जाता है कि दोनों जिंदगी में किस तरह का भाव एक दूसरे के प्रति रखेंगे और दोनों का समर्पण एक दूसरे के प्रति कैसा रहेगा. कहा भी जाता है कि शादी के बाद पति-पत्नी एक गाड़ी के दो पहिए होते हैं जो हमेशा सामंजस्य स्थापित करके चलें तभी उवके जीवन की गाड़ी सही तरीके से पटरी पर चल सकती है. हालांकि कई लोगों का मानना होता है कि शादी ब्याह प्रेम, भरोसे और समझ के साथ होना चाहिए यह सही है लेकिन जीवन में आनेवाली समस्याओं या बाधाओं का सार नहीं है जिससे इसके सहारे लड़ा जा सके. 

ऐसे में कुंडली मिलान के लिए लड़का-लड़की दोनों के जन्म साथ, जन्म समय, और जन्म तिथि का विवरण प्राप्त करना होता है. ऐसे में ज्योतिष शास्त्र में जहां एकल कुंडली से लोगों के करियर, स्वास्थ्य, समाज में मान-सम्मान, धन संपत्ति, स्वभाव को देखा जाता है. वहीं कुंडली मिलान में दोनों की कुंडली के गुणों के आधार पर दोनों के स्वभाव के साथ उनके आपसी सामंजस्य पर ज्यादा गहरा प्रकाश डाला जाता है. इसमें ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुल 8 कूटा और 36 गुणों का वर्णन किया गया है. जिसके जरिए यह देखने की कोशिश होताी है कि इनमें से कितने गुण दोनों के मिलते हैं और इसी पर विचार कर आगे राय दी जाती है. 

अगर इनमें से 18 से कम गुण दोनों के मिल रहे हों तो शादी बड़ी मुश्किल से टिकती है ऐसा माना जाता है. 18 से 24 गुण मिल जाएं तो शादी तो सफल होगी लेकिन कई समस्याओं दोनों के जीवन में आ सकती हैं. 25 से 32 तक गुण मिले तो यह सफल वैवाहिक जीवन का संकेत देता है. वहीं सभी 36 गुण मिल जाएं तो इसे सर्वोत्तम शादी मानी जाती है. इसके साथ ही एक बात यह जानना भी जरूरी है कि भगवान राम और माता सीता की कुंडली के 36 में से 36 गुण मिलते थे लेकिन दोनोंका जीवन लंबे समय तक कष्टों में बीता ऐसे में कई लोग 36 में से 36 गुणों के मिलने को भी शुभ नहीं मानते हैं. 

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कई बार कुंडली मिलान में पर्याप्त गुण नहीं मिले तो भी ज्योतिष लोग इससे उबरने के लिए सलाह देते हैं. ऐसे में इन उपायों के जरिए कई बार कुंडली के दोष दूर किए जाते हैं. ऐसे में जरूरी नहीं कि कुंडली मिलान कर ही शादी की जाए यह आपके ऊपर निर्भर करता है कि क्या आप इन बातों पर भरोसा करते हैं अगर हां तो एक बार आपको किसी अच्छे पंडित या ज्योतिष से इस बारे में सलाह लेनी चाहिए. 

(नोट:- यह लेख सामान्य जानकारी के आधार पर लिखी गई है, इसको लेकर जी न्यूज कोई दावा नहीं करता है)

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