बिहार पुलिस ने पकड़ा फर्जी मुख्य न्यायाधीश, मांग रहा था मुख्यालय से गुप्त जानकारी
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बिहार पुलिस ने पकड़ा फर्जी मुख्य न्यायाधीश, मांग रहा था मुख्यालय से गुप्त जानकारी

बिहार आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने स्वयं को पटना उच्च न्यायालय का न्यायाधीश बताकर पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को फोन करने के मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.

 (फाइल फोटो)

Patna: बिहार आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने स्वयं को पटना उच्च न्यायालय का न्यायाधीश बताकर पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को फोन करने के मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और इस संबंध में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के एक वरिष्ठ अधिकारी की गिरफ्तारी के प्रयास तेज कर दिए हैं. 

प्रारंभिक जांच के अनुसार, आरोपी अभिषेक अग्रवाल ने स्वयं को पटना उच्च न्यायालय का न्यायाधीश बताकर राज्य के पुलिस महानिदेशक को कथित तौर पर फोन किया और आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार के खिलाफ मामला बंद करने को कहा. ईओयू ने अग्रवाल और फरार आईपीएस अधिकारी कुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. पुलिस ने अग्रवाल के तीन अन्य सहयोगियों को भी गिरफ्तार किया 

अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) जी एस गंगवार ने बताया अग्रवाल ने हाल में पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में बिहार के डीजीपी को फोन कर कहा था कि गया के वरिष्ठ अधीक्षक के रूप में तैनाती के समय कुमार के खिलाफ शराब माफिया के साथ कथित मिलीभगत से संबंधित एक मामले को बंद किया जाए. डीजीपी ने ईओयू के अधिकारियों को मामले की जांच के निर्देश दिए थे. 

उन्होंने बताया कि ईओयू ने इस मामले में अग्रवाल के पास से नौ मोबाइल फोन और कई नकली सिम कार्ड भी बरामद किए हैं. अग्रवाल ने पूछताछ के दौरान स्वीकार किया कि उसने बिहार के डीजीपी को पटना उच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनकर फोन किया था और कुमार के खिलाफ मामला बंद करने को कहा था. गया के फतेहपुर थाने में कुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. अधिकारी ने बताया कि अग्रवाल ने डीजीपी से बात करने के लिए नकली सिम कार्ड और एक नए मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया. 

(इनपुट भाषा के साथ)

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