किसान नेता राकेश टिकैत ने बताया कि बक्सर के किसानों के साथ बहुत ही गलत हो रहा है. अबर यहां पर असली आंदोलन शुरू होगा. किसानों को हम उनका हक दिलवाकर ही रहेंगे.
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बक्सर: बक्सर में किसानों का प्रदर्शन एक बार फिर शुरू हो गया है. किसान नेता राकेश टिकैत सोमवार को चौसा पहुंचे और अपनी मांगों को लेकर महापंचायत कर रहे नेताओं को अपना समर्थन दिया. उनके साथ यूपी, हरियाणा के किसान नेता भी शामिल हुए. महापंचायत कार्यक्रम में बक्सर के भारी संख्या में किसान शामिल हुए.
टिकैत बोले किसानों को दिलवाएंगे उनका हक
किसान नेता राकेश टिकैत ने बताया कि बक्सर के किसानों के साथ बहुत ही गलत हो रहा है. अबर यहां पर असली आंदोलन शुरू होगा. किसानों को हम उनका हक दिलवाकर ही रहेंगे. उन्होंने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि सरकार को किसानों के आगे झुकना पड़ेगा. चौसा का मुद्दा अब पूरे बिहार में उठेगा. किसान के हिस्से में जो आता है हम उनको दिलवाकर ही रहेंगे.
62 लाख रुपये मिला चाहिए मुआवजा
महापंचायत कार्यक्रम में किसानों ने कहा कि सरकार ने किसानों से 10 बीघा जमीन ली है. इसके लिए 28 लाख रुपये मिला है, जबकि किसानों को 62 लाख रुपये मिलना चाहिए. किसानों से उनकी जमीन जबरदस्ती ली जा रही है. अगर किसान आवाज उठाते है तो पुलिस लाठी चार्ज करती है. साथ ही कहा कि 2012 से 2013 के दर से मुआवजा दिया गया है जबकि यह 2022 से 2023 के दर से मिलना चाहिए था. कई किसानों ने कहा कि उनकी जमीन ली गई लेकिन मुआवजा नहीं मिला. साथ ही कहा कि 15 फरवरी से किसान अपने उन जमीनों पर ट्रैक्टर और हल चलाएंगे और महिलाएं खेती करेंगी.
मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसान
बता दें कि चौसा में एसजेवीएन कंपनी का पावर प्लांट है. सरकार ने रेलवे कॉरिडोर व पाइप लाइन के लिए किसानों की जमीन ली है. किसानों को मुआवजा ठीक से नही मिल रहा है. किसान 80 दिन से उचित मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों का आरोप है कि जबरदस्ती उनकी जमीन ली गई है. साथ ही 10 जनवरी की रात को बनारपुर गांव में पुलिस किसानों के घर में घुसी और लाठियों से जमकर पिटाई की. इससे आंदोलनकारी किसान काफी आक्रोश में थे. पुलिस ने किसानों के खिलाफ लाठी चार्ज कर दिया.