छपरा में दो साल बाद सोनपुर मेला का आगाज, डिप्टी सीएम ने किया उद्घाटन
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छपरा में दो साल बाद सोनपुर मेला का आगाज, डिप्टी सीएम ने किया उद्घाटन

विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला कोरोना काल के कारण पिछले दो साल से नहीं लग पा रहा था. इस वर्ष बहुत ही धूमधाम के साथ इस मेले का आयोजन किया जा रहा है.

छपरा में दो साल बाद सोनपुर मेला का आगाज, डिप्टी सीएम ने किया उद्घाटन

पटना :  विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेले 2022 का उद्घाटन उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने किया. मेले का आनंद लेने के लिए दूर दराज से लोग पहुंच रहे है. मेले में पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन ने सारी तैयारियां पूरी कर ली है. सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सीसीटीवी लगाएं गए है. मेले में आने वाले लोगों की हर गतिविधियों पर विशेष नजर रखी जा रही है.

सोनपुर में दो साल बाद लग रहा मेला
बता दें कि विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला कोरोना काल के कारण पिछले दो साल से नहीं लग पा रहा था. इस वर्ष बहुत ही धूमधाम के साथ इस मेले का आयोजन किया जा रहा है. मेले के उद्घाटन समारोह में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह, अति विशिष्ट अतिथि के रूप में कला संस्कृति व युवा, खेल मंत्री जितेंद्र कुमार राय, राजस्व मंत्री आलोक कुमार मेहता, श्रम संसाधन मंत्री बाकी पेज 15 पर सुरेंद्र कुमार राम शामिल हुए. उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता विज्ञान और प्रावैधिकी मंत्री सह सारण के प्रभारी मंत्री सुमित कुमार सिंह द्वारा की गई. इस अवसर पर जिले के सभी सांसद, विधायक और विधान पार्षद भी रहेंगे. उद्घाटन को लेकर मेला समिति केअध्यक्ष सह प्रमंडलीय आयुक्त पूनम तथा सचिव सह डीएम राजेश मीणा ने देर शाम पूरी व्यवस्था का जायजा लिया.

इस लिए खास है सोनपुर का मेला
बता दें कि बिहार ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में अपनी अलग पहचान रखने वाले सोनपुर मेले का आज से आगाज हो गया है. कोरोना महामारी के सामने आने के बाद पिछले दो साल से यह मेला प्रभावित हो गया था. अब तीन साल के लंबे अंतराल के बाद एक बार फिर से सोनपुर का विश्‍व प्रसिद्ध मेले का आयोजन किया जा रहा है. विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेले में हर आयु, हर वर्ग के लिए कुछ न कुछ खास होता है. इस मेले के बारे में कहा जाता है कि यहां दुनिया की हर चीज आसानी से उपलब्ध हो जाता है. जो एक साथ कहीं और नहीं मिलता हैं. हर तबके के लोग अपनी चाहत को लेकर मेले में आता है. मेले में कई नई चीजें जुड़ी हैं, तो कई अब इतिहास के पन्नों में दबकर रह गयी है. वहीं, इस मेले की पहचान पशु मेले के रूप में विख्यात है.

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