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Ranchi: Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य की तुलना दुनिया के महानतम विद्वानों में की जाती है. उन्होंने अपने जीवन के अनुभव के आधार पर चाणक्य नीति लिखी थी. इसमें उन्होंने धर्म, अर्थ और कर्तव्य के साथ-साथ जीवन की विभिन्न महत्वपूर्ण नीतियों के बारें में बताया जाता है. इस किताब आज भी युवाओं का मार्गदर्शन कर रही है. कहा जाता है कि इस किताब का जो अनुसरण करता है, उसे जीवन में हमेशा ही सफलता और मान मिलता है. अपनी इस किताब में उन्होंने उन व्यक्तियों के बारें में भी बताया है कि किन लोगों पर आप को भरोसा करना चाहिए और कैसे लोगों के साथ अपनी बातों को शेयर करना चाहिए. तो आइये जानते हैं कि हमें किन बातों किसी और साझा नहीं करना चाहिए.
न विश्वसेत्कुमित्रे च मित्रे चापि न विश्वसेत्।
कदाचित्कुपितं मित्रं सर्वं गुह्यं प्रकाशयेत् ।।
इस श्लोक में आचार्य चाणक्य ने कहा है कि कभी भी कुमित्र पर विश्वास नहीं करना चाहिए. इसके अलावा मित्र पर भी कभी आँख बंद कर भरोसा नहीं करना चाहिए क्योंकि वो गुस्से में आप की गुप्त बातों को बता सकता है. इसी वजह से अपनी गुप्त बातों को हमेशा ही छुपाकर रखना चाहिए.
मनसा चिन्तितं कार्यं वाचा नैव प्रकाशयेत्।
मन्त्रेण रक्षयेद् गूढं कार्य चापि नियोजयेत् ।
इस श्लोक में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जब तक काम ना हो जाए तो उस काम को अपने मुंह से बाहर निकालना नहीं चाहिए. इसे गुप्त मंत्र की तरह ही हमेशा रक्षा करनी चाहिए. आप के काम के बारें में अधिक लोगों को जानकारी नहीं होने चाहिए. ऐसे किये गया काम मनुष्य को सफल बनाती हैं.
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