Bihar Weather: मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि इस बार 'ला नीना' की वजह से ठंड ज्यादा पड़ेगी. उत्तर भारत के पहाड़ों से आ रही ठंडी हवाओं का असर बिहार में भी दिखने लगा है. अगले 2-3 दिनों में तापमान और गिरने की संभावना है, जिससे ठंड बढ़ेगी.
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Bihar Weather: मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि इस बार 'ला नीना' की वजह से ठंड ज्यादा पड़ेगी. उत्तर भारत के पहाड़ों से आ रही ठंडी हवाओं का असर बिहार में भी दिखने लगा है. अगले 2-3 दिनों में तापमान और गिरने की संभावना है, जिससे ठंड बढ़ेगी.
Bihar Weather: बिहार में मौसम तेजी से बदल रहा है और ठंड बढ़ने लगी है. 14 नवंबर को आए पश्चिमी विक्षोभ के कारण ठंडी हवाएं बिहार तक पहुंच चुकी हैं. मौसम विभाग ने बताया है कि अगले एक-दो दिनों में न्यूनतम तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट हो सकती है.
मौसम विभाग के अनुसार राज्य के 12 जिलों में घने कोहरे को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. इनमें किशनगंज, अररिया, सुपौल, दरभंगा, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, शिवहर, सीतामढ़ी, सीवान, गोपालगंज, पूर्वी और पश्चिमी चंपारण शामिल हैं. वहीं सारण, वैशाली, समस्तीपुर, सहरसा, मधेपुरा, पूर्णिया और कटिहार जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है. साथ ही कोहरे की वजह से पटना एयरपोर्ट पर विमानों का ऑपरेशन भी प्रभावित हुआ. शुक्रवार को दिल्ली, चंडीगढ़ और अन्य शहरों से आने वाली 12 जोड़ी फ्लाइट्स देर से लैंड कर पाईं. फिलहाल पटना एयरपोर्ट पर विजिबिलिटी 1000 मीटर है, लेकिन घने कोहरे की स्थिति में यह और कम हो सकती है.
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक 'ला नीना' की वजह से इस बार ठंड ज्यादा पड़ने की संभावना है. उत्तर भारत के पहाड़ों से आ रही ठंडी हवाओं का असर बिहार में भी दिख रहा है. आने वाले 2-3 दिनों में तापमान और गिर सकता है, जिससे ठंड और बढ़ेगी. साथ ही बदलते मौसम में डॉक्टरों ने लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है. खासतौर पर बच्चों और बुजुर्गों को ठंड से बचाने के लिए सुबह और शाम गर्म कपड़े पहनना जरूरी है. डॉक्टरों का कहना है कि शुरुआत में ठंड का असर ज्यादा होता है, इसलिए सतर्क रहना चाहिए.
मौसम का यह बदलाव आगे भी जारी रहेगा, इसलिए लोग ठंड से बचाव के उपाय पहले से ही कर लें. जरूरी हो तो सुबह के वक्त घर से बाहर निकलने से बचें और अगर निकलना हो तो गर्म कपड़ों का इस्तेमाल जरूर करें. ठंड बढ़ने के साथ-साथ स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी बहुत जरूरी है.
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