Bihar School News: 20,00,000 बच्चों को केके का 'करंट', शिक्षा मंत्री भी पाठक से मानते हैं हार
Advertisement

Bihar School News: 20,00,000 बच्चों को केके का 'करंट', शिक्षा मंत्री भी पाठक से मानते हैं हार

Bihar School News: दशहरा में 16,17 और 18 अक्टूबर को जो बच्चे स्कूल नहीं आए थे, उनके नाम भी स्कूल से काट दिए गए हैं. इसके अलावा, कुछ बच्चे तो ऐसे भी हैं जो पढ़ाई नहीं करते लेकिन सरकारी स्कूलों में उनका नाम चल रहा होता है. ऐसे ही बच्चों पर यह कार्रवाई की गई है.

बिहार की खबरें (File Photo)

Bihar School News: क्या केके पाठक की पाठशाला से बिहार में आएगी क्रांति? शिक्षा मंत्री भी केके पाठक से हार मानते हैं. मंत्री जी की कम और केके पाठक की ज्यादा चलती है. ये महज तीन लाइन नहीं है ये इट इज ए केके पाठक स्टाइल है. जो बिहार में छाया हुआ है. जी हां, 20,00,000 बच्चे. छह अंकों का यह नंबर बिहार में इन दिनों भूचाल मचाए हुए है. इस नंबर का शिक्षा विभाग के अपर मुख्य स​चिव केके पाठक से सीधा कनेक्शन है. 

दरअसल, 2 सितंबर को केके पाठक ने सभी जिलाधिकारियों को आदेश दिया था कि नियमित रूप से स्कूल न आने वाले बच्चों का नामांकन रद्द कर दिया जाए. यह आदेश अमल में आया तो नतीजा क्या निकला. नतीजा ये निकला कि 20,00,000 बच्चों के नाम सरकारी स्कूलों के रजिस्टर से आउट हो गए. इन 20 लाख में से ढाई लाख से ज्यादा बच्चे इस साल 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले थे. अब सवाल यह है कि इन ढाई लाख से अधिक बच्चों के भविष्य का क्या होगा. एक तरह से बोर्ड एग्जाम से पहले ही उनका रिजल्ट घोषित हो गया लगता है. 

ये भी पढ़ें:विश्व प्रसिद्ध बैद्यनाथ मंदिर में नहीं पड़ेगा चंद्रग्रहण के सूतक का कोई प्रभाव

आरोप लगाए जा रहे हैं कि बच्चों पर यह कार्रवाई बगैर नोटिस दिए की गई है. कुछ जिलों से तो यह भी बात सामने आई है कि दशहरा में 16,17 और 18 अक्टूबर को जो बच्चे स्कूल नहीं आए थे, उनके नाम भी स्कूल से काट दिए गए हैं. ऐसा भी नहीं है कि शिक्षा विभाग ने एकतरफा कार्रवाई की है. एडमिशन के बाद भी स्कूलों में बच्चों का प्रवेश कम होता जा रहा है. यह बात किसी से छिपी नहीं रह गई है. कुछ बच्चे तो कान्वेंट में पढ़ते हैं और केवल सरकारी सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए ही सरकारी स्कूल में बस नामांकन करा देते हैं. इसके अलावा, कुछ बच्चे तो ऐसे भी हैं जो पढ़ाई नहीं करते लेकिन सरकारी स्कूलों में उनका नाम चल रहा होता है. ऐसे ही बच्चों पर यह कार्रवाई की गई है.

इस लालच में सरकारी स्कूलों में एडमिशन लेते हैं बच्चे

  • पोशाक (सालाना)
  • पहली और दूसरी क्लास: 400 रुपये 
  • तीसरी से पांचवीं क्लास: 500 रुपये 
  • छठी से आठवीं क्लास: 700 रुपये 
  • नौवीं से दसवीं क्लास: 1,000 रुपये 

सरकार की ओर से बच्चों को सालाना छात्रवृत्ति भी दी जाती है. 

  • छात्रवृत्ति (सालाना)
  • पहली और दूसरी क्लास: 600 रुपये 
  • पांचवीं से छठी क्लास: 1,200 रुपये 
  • सातवीं से आठवीं क्लास: 1800 रुपये 
  • नौवीं से दसवीं क्लास: 1,800 रुपये 

इसके अलावा, सरकार बच्चों को मिड डे मील और कक्षाओं के अनुसार किताबों का सेट मुहैया कराती है.

Trending news