प्रशांत किशोर कह रहे हैं. नीतीश को फेविकोल का ब्रांड एंबेसडर बनाना चाहिए. विपक्षी एकजुटता की नीतीश कुमार की कोशिशों का कोई नतीजा नहीं निकलेगा.
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पटना: दो पुराने साथी और दो नए दुश्मन. बात हो रही है नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर की. इधर से तीर चल रहे हैं और उधर से फेविकोल वाला वार. अब समझने वाली बात ये है कि आखिर ये क्यों हो रहा है और इसका मतलब क्या है?
BJP की मदद कर रहे PK?
प्रशांत किशोर कह रहे हैं. नीतीश को फेविकोल का ब्रांड एंबेसडर बनाना चाहिए. विपक्षी एकजुटता की नीतीश कुमार की कोशिशों का कोई नतीजा नहीं निकलेगा. दूसरी तरफ नीतीश कह रहे हैं कि प्रशांत किशोर को ABC नहीं पता, वो बीजेपी की मदद करना चाहते हैं.
बिहार में दो ध्रुवीय मुकाबला होगा?
बिहार में जब लोग उम्मीद कर रहे थे कि बीजेपी बनाम आरजेडी-जेडीयू का युद्ध देखने को मिलेगा तो तीसरी दिशा से फायरिंग होने लगी और यही इस फायरिंग का मर्म है. आज जो हालात हैं उसे देखकर यही कहा जा सकता है कि 2024 और 2025 में बिहार में दो ध्रुवीय मुकाबला होगा.
बिहार के चुनावी समर में कूदेंगे PK?
एक तरफ होगी बीजेपी और दूसरी तरफ गठबंधन. प्रशांत किशोर इस समर में अपने लिए जगह तलाश रहे हैं और इसलिए मुखर हैं. हालांकि, अभी तक प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने 2024 या 2025 में चुनाव लड़ने का ऐलान नहीं किया है लेकिन जिस तरह से वो बिहार में कैंपेन कर रहे हैं उससे यही अंदाजा लगाया जा रहा है कि शायद वो बिहार के चुनावी समर में कूदेंगे.
PK को नीतीश से क्या दिक्कत?
इस नाते अभी वो विपक्ष की भूमिका में हैं. लेकिन इन बयानबाजियों से कोई खास फायदा होगा, कह नहीं सकते. सवाल है कि प्रशांत किशोर बिहार के वोटर को क्या नया ऑफर कर रहे हैं. जिस बात पर उनका नीतीश से अलगाव हुआ था, अब जब नीतीश वही कर रहे हैं तो प्रशांत किशोर को क्या दिक्कत है? अगर उन्हें सांप्रदायिकता के मुद्दे पर नीतीश का बीजेपी के झुकना नहीं पसंद था तो अब तो नीतीश उनके ही बताए मार्ग पर चल रहे हैं. तो क्या पीके सिर्फ इसलिए हमलावर हैं क्योंकि दूसरे खेमे में हैं?
आप क्या कर सकते हैं?
प्रशांत किशोर एक मंझे हुए चुनाव रणनीतिकार माने जाते हैं. तो फिर वो ये बात जरूर जानते होंगे कि वोटर नेगेटिव राजनीति से तंग आ चुका है. उसे ये नहीं सुनना कि फलां नेता क्या नहीं कर रहा है, वो जानना चाहता है कि आप क्या कर सकते हैं.
PK क्या नया करेंगे?
हर बात को लेकर विरोधी पार्टी पर छींटाकशी. यही इस देश में सियासत की परिपाटी रही है. तो प्रशांत किशोर नया क्या करने वाले हैं? बेहतर होगा वो बिहार के वोटर को अपनी राजनीति का मॉडल दिखाएं और बताएं कि उनके पास क्या प्लान है. बिहार के बेरोजगारों को रोजगार देने का. क्या योजना है. बिहार को गरीबी के दलदल से बाहर निकालने का?
अगर ये सब नहीं होगा तो प्रशांत किशोर के लिए पहले से जमी जमाई पार्टियों के लिए अपने लिए जगह बनाना मुश्किल हो सकता है.
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