Ranji Trophy: बीसीए के सीईओ मनीष राज ने कहा कि हमने कूच बिहार ट्रॉफी के लिए ऊर्जा स्टेडियम की मांग की थी. हमने पैसा भी दे दिया था, फिर उन्होंने स्टेडियम देने से रोक दिया. उन्होंने कहा कि हमने पटना के मोइनुलहक स्टेडियम को राज्य सरकार से किराया पर लिया है.
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Ranji Trophy: बिहार की राजधानी पटना में हुए रणजी मैच में इतना बवाल हुआ कि पूरे देश की नजर सूबे के क्रिकेट पर टिक गई. मुंबई के खिलाफ रणजी ट्रॉफी मैच की मेजबानी करने वाले पटना के मोइन-उल-हक स्टेडियम की खराब स्थिति पर भारी शर्मिंदगी उठानी पड़ी. इतना ही एक ही मैच में बिहार की दो टीमें मैच खेलने पहुंच गईं थी, फिर बीसीए अधिकारी का भी सिर चकारा गया था. इस विवाद पर सियासत भी खूब हुई. आइए बीसीए और सरकार के बीच पिसता बिहार क्रिकेट, जर्जर स्टेडियम, एक मैच-2 टीमें, रणजी मैच में बवाल क्यों जानते हैं?
बिहार सरकार खेल मंत्री ने बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (BCA) पर आरोप लगाया कि वह जानबूझकर रणजी मैच वही कराया. पटना के मोइनुल हक स्टेडियम में मुंबई और बिहार के बीच एलीट ग्रुप का रणजी मैच खेला गया था. इस मैच में दर्शकों की भारी भीड़ उमड़ी थी. मगर, स्टेडियम की जर्जर हालत ने बिहार क्रिकेट की पोल खोल दी. सोशल मीडिया पर स्टेडियम में दर्शक दीर्घा की टूटी और दरार पड़ी दीवार वायरल हुई थी. इतना सब तो बर्दाश्त क्रिकेट प्रेमी कर रही रहे थे, लेकिन सबका गुस्सा तब फूटा खराब पड़े स्कोर बोर्ड में कुछ चल रही नहीं रहा था.
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खेल मंत्री जितेंद्र कुमार राय ने कहा कि स्टेडियम की हालत खराब है, मगर हम लोग ने उसका ड्राफ्ट तैयार करवा लिया है. पटना का स्टेडियम पूरी तरह जल्द ही बन कर तैयार करवा लिया जाएगा. जर्जर दर्शक दीर्घा को लेकर उन्होंने बीसीए पर बड़ा आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि बीसीए इस मैच को किसी और मैदान पर भी करवा सकता थी, लेकिन ऐसा नहीं किया. दरअसल, बिहार क्रिकेट एसोसिएशन अंदर खुद झगड़ा चल रहा है. जिसका नजीता हुआ कि बिहार की दो-दो टीमें खेलने के लिए मैदान मे पहुंच गईं.
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इस पर बीसीए कहा कि सरकार ने जानबूझकर पटना के मोइनुल हक स्टेडियम में रणजी मैच करवाया. बीसीए के सीईओ मनीष राज ने कहा कि हमने कूच बिहार ट्रॉफी के लिए ऊर्जा स्टेडियम की मांग की थी. हमने पैसा भी दे दिया था, फिर उन्होंने स्टेडियम देने से रोक दिया. उन्होंने कहा कि हमने पटना के मोइनुलहक स्टेडियम को राज्य सरकार से किराया पर लिया है.