Sarkari Naukri: राकेश ने बताया कि पिता के मृत्यु के बाद काफी संघर्ष करना पड़ा. उन्होंने ट्यूशन पढ़ाकर अपनी पढ़ाई पूरी की.
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मुजफ्फरपुर: Sarkari Naukri: बिहार का मुजफ्फरपुर का एक ऐसा गांव जहां आजादी 74 वर्ष तक किसी युवक ने सरकारी नौकरी नहीं कर पाया लेकिन 2 हजार आबादी वाले इस गांव के एक युवक ने अपनी मेहनत और परिजनों के सहयोग से पढ़ाई पूरी की, उसके बाद उस युवक ने शिक्षा विभाग में शिक्षक की नौकरी हासिल किया तो गांव में जश्न का माहौल हो गया.
जानकारी के अनुसार, इस गांव में अभी तक किसी को सरकारी नौकरी नहीं लगी है. जहां आज दुनिया डिजिटल युग की तरफ तेजी से बढ़ रही है वहीं, आज भी इस गांव के युवक व्यवस्था और गरीबी के कारण पढ़ाई नहीं कर पाते हैं.
दरअसल, मुजफ्फरपुर जिले के कटरा प्रखंड के सोहागपुर गांव में पहली बार किसी युवक को सरकारी नौकरी मिली है, जिसको लेकर ग्रामीणों में काफी खुशी है. यहां के शिवदासपुर पंचायत के सोहागपुर गांव के स्वर्गीय राम लाल चौधरी के पुत्र राकेश कुमार ने अपनी सच्ची लगन और मेहनत के बदौलत सरकारी नोकरी हासिल की है.
जानकारी के अनुसार, गांव की आबादी 2000 के करीब है, लेकिन इस गांव में आज तक किसी को सरकारी नौकरी नहीं मिली है. शिक्षक की नौकरी पाने के बाद राकेश ने बताया कि ग्रामीण परिवेश में शिक्षा लेने के बाद उन्होंने M.COM की पढ़ाई दरभंगा यूनिवर्सिटी (Darbhanga University) से किया और उसके बाद राजस्थान से B.Ed की परीक्षा पास की. फिर बिहार सरकार में शिक्षक पात्रता परीक्षा (Bihar TET Exam) पास कर सफलता हासिल की.
राकेश ने बताया कि पिता के मृत्यु के बाद काफी संघर्ष करना पड़ा. उन्होंने ट्यूशन पढ़ाकर अपनी पढ़ाई पूरी की.
इस सफलता की बात सुनकर स्थानीय गांव वाले लोग काफी खुश हैं और ग्रामीणों का कहना है कि आजादी के बाद यह पहला लड़का है जो अपना मेहनत की बदौलत अपने गांव का नाम रोशन किया है. राकेश की नियुक्ति जिले के तुर्की के प्राथमिक विद्यालय बरकुरवा में हुई है, जहां वे अब बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं.
(इनपुट-मनितोश कुमार)