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मुजफ्फरपुर: बिहार का मुजफ्फरपुर वैसे तो रसीली लीची के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है. वैसे अब मुजफ्फरपुर की रसीली लीची की खेती के लिए देश के कोने-कोने से किसान सामने आ रहे हैं तो वहीं मुजफ्फरपुर के किसान को हिमाचल प्रदेश, कश्मीर के रसीले फलों की खेती भा रही है. बता दें कि मुजफ्फरपुर के किसान अब सेब की खेती में अपना हाथ आजमा रहे हैं और इससे कमाई का नया जरिया भी तैयार कर रहे हैं.
इस एक सीजन में मुजफ्फरपुर के एक किसान ने ऐसी कमाई कर ली कि यह दूसरे के लिए प्रेरणास्त्रोत बन गए हैं. किसान ने एक सीजन में सेब की खेती से 2 लाख से ज्यादा की कमाई कर ली है. ऐसे में अब मुजफ्फरपुर के किसान परंपरागत लीची की खेती से दूसरे फलों के उत्पादन की तरफ बढ़ रहे हैं.
मुजफ्फरपुर का शाही लीची वैसे भी पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है. यहां का लीची पूरी दुनिया में लोगों को अपने स्वाद से मनमोह रहा है. ऐसे में मुजफ्फरपुर के किसान राज किशोर कुशवाहा ने वह कर दिखाया जिसने यहां के किसानों को कमाई का नया रास्ता दिखाया है. वह एप्पल मैन के रूप में इलाके में प्रसिद्ध हो गए हैं. राज किशोर ने अपने बाग में 250 से ज्यादा सेब के पेड़ लगाए हैं.
मुजफ्फरपुर से 10 किलोमीटर दूर नरौली गांव के किसान राज किशोर कुशवाहा ने ये कारनामा किया है. उन्होंने 100 रुपए की कीमत में एक पेड़ खरीद और जैविक खाद से इन पौधों का पोषण किया. दो साल के बाद इन सेब के पेड़ में फल आना शुरू हो गए हैं. जहां शुरुआत में इस पौधे से 50 किलोग्राम तक सेब का उत्पदन होता है जबकि पेड के पुराने होने पर 100 किलो तक फल एक पौधे से मिलना शुरू हो जाता है.
राजस्थान के किसान से प्रेरणा लेकर राजकिशोर ने अपने बगीचे में सेब का पौधा लगाया. ऐसे में राजकिशोर की पहल पर अब जिले को लीची की तर ही सेब के लिए भी पहचान मिलने लगी है. इसके बाद से ही इलाके के अन्य किसान भी सेब की खेती के लिए प्रेरित हुए हैं.