गंडक नदी का दबाव पतहरा छरकी पर तेज हो जाने के कारण नदी के दबाव की वजह से पतहरा छरकी की दो स्टर्ड क्षतिग्रस्त हो गया हैं. देर रात से नदी का दबाव पतहरा छरकी पर बना हुआ था जो शाम होते ही नदी की दबाव को स्टर्ड झेल नहीं पाया और क्षतिग्रस्त हो गया.
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गोपालगंज : बिहार के विभिन्न जिलो में पिछले कई दिनों से लगातार बारिश हो रही है. ऐसे में नदी भी अपने उफान पर है, जगह-जगह बाढ़ के आसार बने हुए है. वाल्मीकि नगर बराज से पानी छोड़े जाने के बाद छोड़े गंडक नदी के जलस्तर में वृद्धि आई है. उफनाई गंडक की तेज धार के कारण सदर प्रखंड के पतहरा छरकी पर बनाये गए दो स्टर्ड को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया है. जिसे बचाने में जल संसाधन व बाढ़ नियंत्रण विभाग द्वारा जियो बैग से स्टर्ड को बचाने में जुट गए है.
24 घंटे में बाढ़ ने मचाई तबाही
बता दें कि गंडक नदी का दबाव पतहरा छरकी पर तेज हो जाने के कारण नदी के दबाव की वजह से पतहरा छरकी की दो स्टर्ड क्षतिग्रस्त हो गया हैं. देर रात से नदी का दबाव पतहरा छरकी पर बना हुआ था जो शाम होते ही नदी की दबाव को स्टर्ड झेल नहीं पाया और क्षतिग्रस्त हो गया. साथ ही बता दें कि वाल्मीकि नगर डैम से सर्वाधिक 4.45 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद से दियारे के करीब 18 गांवों की हालत और बिगड़ गई है. गांव के करीब दो सौ से ज्यादा घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है. इन बसावटों में दो से 3 फीट पानी बह रहा है.
पतहरा छरकी को बचाने में जुटा जल संसाधन विभाग
जल संसाधन विभाग मुख्य अभियंता अशोक रंजन ने बताया कि जल संसाधन विभाग के फ्लड फाइटिंग के चेयरमैन और मुख्य अभियंता भी मौके पर कैंप कर रहे हैं. अभियंताओं की टीम पतहरा छरकी को बचाने में जुटी हुई है. जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है. स्थिति नियत्रंण में बहुत जल्द ही स्टर्ड की मरमती कर मजबूत बनाया जाएगा.
इनपुट- मदेश तिवारी