बिहार के 3 साल की आर्या के लिए अमेरिका से आई खुशखबरी, मिले उसके माता-पिता
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बिहार के 3 साल की आर्या के लिए अमेरिका से आई खुशखबरी, मिले उसके माता-पिता

अमेरिका के टेमरा डैना थीसन ने कहा, '3 साल पहले हमने एक बेटी की तलाश शुरू की थी. जब हमें आर्या के विषय में पता चला तो इसकी कार्रवाई शुरू की. 

आर्या को अब माता-पिता के साथ 4 भाई भी मिल गए हैं

पटना: बिहार के गोपालगंज की 3 साल की बच्ची आर्या रोज अब न केवल अमेरिका की आबोहवा में अपनी मासूमियत बिखेरेगी, बल्कि अपनी किलकारियों से अपने अभिभावकों को भी खुश रखेगी. गोपालगंज के विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में पल रही आर्या को एक अमेरिकी दंपति ने गोद ले लिया है. आर्या को अब माता-पिता के साथ 4 भाई भी मिल गए हैं, जिनके साथ अब उसका समय गुजारेगा.

अमेरिकी दंपति ने आर्या को लिया गोद
भारतीय संस्कृति से प्रभावित इस अमेरिकी दंपति ने आर्या रोज को गोद लेने की इच्छा जताते हुए कुछ महीने पहले एक आवेदन दिया था. तमाम कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद गोपालगंज के विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में रह रही आर्या शुक्रवार को अमेरिका से आई दंपति को सौंप को दी गई.

आर्या को पाकर अमेरिकन दंपति खुश
दत्तक ग्रहण संस्थान की सहायक निदेशक और गोपालगंज की वरिष्ठ उप समाहर्ता कुमारी पुष्पा ने बताया कि आर्य को गोद लेने वाले अमेरिका के केनसेस शहर के दंपति टेमरा डैना थीसन और ब्रेट एरिक थिसन हैं. आर्या को पाकर अमेरिकन दंपति भी खुश हैं.

3 साल पहले देखा था सपना
अमेरिका के टेमरा डैना थीसन ने कहा, '3 साल पहले हमने एक बेटी की तलाश शुरू की थी. जब हमें आर्या के विषय में पता चला तो इसकी कार्रवाई शुरू की. आर्या की तस्वीर और जानकारियां उपलब्ध कराई गईं तो हम सारी प्रक्रिया पूरी करते हुए अभी बच्ची को लेने आ गए.'

4 भाइयों की बहन बनेगी आर्या 
आर्या की मां ब्रेट एरिक थिसन ने कहा, 'आर्या अब हमलोगों के साथ अमेरिका जाएगी. वहां वह 4 भाइयों की बहन बनेगी. आर्या के जीवन में आने से अब परिवार पूरा हो गया, अब आर्या भी जीवन की खुशियों का आनंद लेगी.' 

बेटी की थी इच्छा
भारत की संस्कृति से प्रभावित अमेरिकन दंपति का कहना है कि चार बेटे तो थे, लेकिन बेटी नहीं थी, अब वह कमी भी पूरी हो गई. लाइफ लाइन चिल्ड्रेन सर्विसिस की प्रतिनिधि डोली डेविड ने बताया कि अमेरिकी दंपति आर्थिक रूप से काफी संपन्न है, इसलिए बच्ची को कोई परेशानी नहीं होगी.

गौरतलब है कि आर्या तीन साल पहले हजियापुर स्थित दत्तक ग्रहण संस्थान के ही झूले में लावारिश हालात में मिली थी. बाद में इसे चाइल्ड वेलफेयर कमेटी द्वारा बच्चा फ्री फॉर एडॉप्शन घोषित कर दिया गया था.

(आईएएनएस)

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