Bihar News: लौकहा और आसपास के लोग पहले यात्रा के लिए बसों पर निर्भर थे, जो महंगी और समय लेने वाली होती थीं. अब ट्रेन शुरू होने से वे सिर्फ 10 रुपये में झंझारपुर तक जा सकते हैं, जबकि पहले बस से इसके लिए 100 रुपये लगते थे.
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मधुबनी : 13 नवंबर को मधुबनी जिले के झंझारपुर-लौकहा रेल खंड पर लंबे इंतजार के बाद ट्रेन सेवा का शुभारंभ हुआ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रिमोट से इस सेवा का उद्घाटन किया. इस परियोजना का काम पिछले आठ वर्षों से अधर में लटका हुआ था, जिससे स्थानीय लोगों को आवागमन में काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा था. अब यह सेवा चालू होने से क्षेत्र के लाखों लोग विशेष रूप से लाभान्वित होंगे.
नेपाल और सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों को मिलेगी सस्ती यात्रा
लौकहा और इसके आसपास के क्षेत्रों के लोग पहले बसों पर निर्भर थे, जो महंगी और समय-साध्य थीं. अब मात्र 10 रुपये में झंझारपुर तक की यात्रा संभव हो गई है, जहां पहले बस से 100 रुपये खर्च होते थे. छात्रों के लिए यह सेवा वरदान साबित हो रही है, वहीं मरीजों को भी इलाज के लिए दरभंगा मेडिकल कॉलेज और अन्य अस्पतालों तक कम खर्च में पहुंचने की सुविधा मिल रही है.
व्यापार और सामाजिक विकास को बढ़ावा
स्थानीय व्यवसायियों का मानना है कि यह रेल सेवा न केवल आवागमन को सुगम बनाएगी, बल्कि व्यापार और औद्योगिक गतिविधियों को भी प्रोत्साहन देगी. सीमावर्ती इलाका होने के कारण इस सेवा से भारत और नेपाल के बीच व्यापारिक संबंध मजबूत होंगे. सीमावर्ती क्षेत्रों में व्यवसाय को नई ऊर्जा मिलने की उम्मीद है, जिससे आर्थिक प्रगति के नए अवसर खुलेंगे.
लोगों की खुशी और मांग
रेल सेवा शुरू होने पर स्थानीय लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री और रेल मंत्री का आभार व्यक्त किया. इस क्षेत्र के गरीब लोगों के लिए यह सेवा आर्थिक राहत लेकर आई है. हालांकि, अभी केवल दो जोड़ी पैसेंजर ट्रेनें झंझारपुर से लौकहा तक चलाई जा रही हैं. लोगों की मांग है कि इस खंड पर लंबी दूरी की ट्रेनें जैसे दरभंगा-पटना और दिल्ली-मुंबई तक की ट्रेनें भी शुरू की जाएं.
नेपाल के लोगों को फायदा
सीमा पर बसे लौकहा रेलवे स्टेशन का महत्व केवल भारत तक सीमित नहीं है. नेपाल के नागरिकों ने भी इस सेवा का स्वागत किया है. वे इसे सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास और आवागमन में सहूलियत के लिए महत्वपूर्ण मान रहे हैं. साथ ही इस रेल सेवा के शुरू होने से न केवल आवागमन आसान हुआ है, बल्कि इसने स्थानीय लोगों के लिए रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और व्यापार में नए अवसर खोले हैं. लंबी दूरी की ट्रेनों की मांग के साथ यह सेवा भविष्य में और अधिक प्रभावी साबित हो सकती है.
इनपुट - बिंदु भूषण
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