Bihar Politics: नीतीश की नाराजगी RJD से कम इससे ज्यादा, जानें क्या था इस पॉलिटिकल ड्रामे का प्लॉट!
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Bihar Politics: नीतीश की नाराजगी RJD से कम इससे ज्यादा, जानें क्या था इस पॉलिटिकल ड्रामे का प्लॉट!

बिहार में लंबे समय से जारी सियासी ड्रामे का आखिर अंत हुआ और नीतीश कुमार 17 महीने में महागठबंधन का दामन छोड़ अपने पुराने सहयोगी के साथ फिर से नए सियासी सफर पर निकलने को तैयार हो गए. NDA मे नीतीश की वापसी के कई खास कारण रहे.

फाइल फोटो

Bihar Politics: बिहार में लंबे समय से जारी सियासी ड्रामे का आखिर अंत हुआ और नीतीश कुमार 17 महीने में महागठबंधन का दामन छोड़ अपने पुराने सहयोगी के साथ फिर से नए सियासी सफर पर निकलने को तैयार हो गए. NDA मे नीतीश की वापसी के कई खास कारण रहे. ऐसे में लोग सोच रहे होंगे कि जिस नीतीश कुमार ने इंडी गठबंधन की नींव रखी ऐसे में उनके मन में ऐसा क्या आया कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले ही वह INDIA अलायंस की नाव से उतर गए. 

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जेडीयू की तरफ से इस सवाल का जवाब भी आ गया, केसी त्यागी ने तो साफ शब्दों में कह दिया कि इसके लिए राजद से ज्यादा कांग्रेस जिम्मेदार रही. हां, वही कांग्रेस जो अभी भी बिहार में अपने पुराने वजूद की तलाश में लगी है लेकिन बार-बार उसके साथ धोखा हो रहा है. केसी त्यागी की मानें तो कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने तो नीतीश कुमार को राजनीतिक अवसरवादी तक बता दिया. 

जदयू की मानें तो इंडियागठबंधन को हड़पने की कोशिश कांग्रेस का एक गुट कर रहा है. जदयू साफ कहती है कि जब इस गठबंधन की नींव रखी गई थी तो साफ कहा गया था कि बिना किसी नाम को आगे किए हुए गठबंधन काम करेगी. लेकिन 19 दिसंबर को हुई गठबंधन की बैठक में खरगे के नाम को आगे किया गया. जदयू की मानें तो बैठक के पहले जब ममता बनर्जी अरविंद केजरीवाल के आवास पर गई थीं तो यह बाहर आकर बताया था कि बैठक में किसी के नाम का प्रस्ताव नहीं होगा लेकिन कांग्रेस का वह गुट इतना सक्रिय था कि ममता से ही बैठक में खरगे के नाम का प्रस्ताव सामने रखवा दिया. बाद में कांग्रेस ने उसे अस्वीकार कर लिया. 

कांग्रेस के पास तो अपने वजूद को बचाने की चुनौती है जबकि सभी क्षेत्रीय दल कांग्रेस से लड़कर ही आगे आए हैं. ऐसे में कांग्रेस इन क्षेत्रीय दलों के नेतृत्व को खत्म करना चाहती है. कांग्रेस इसी के तहत टिकट बंटवारे के काम को रबड़ की तरह खींच रही थी. जबकि वह भाजपा की ताकत को कमतर आंक रही थी. 

कांग्रेस क्षेत्रीय दलों को कैसे किनारे कर रही थी इसको ध्यान से देखिए हरियाण, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, उत्तराखंड, राजस्थान, असम में कांग्रेस ने साफ तौर पर किसी के साथ गठबंधन से इनकार कर दिया. बिहार, यूपी, महाराष्ट्र, वेस्ट बांगाल, तमिलनाडु में कांग्रेस की हालत संसदीय निर्वाचन में कैसी है सबको पता है ऐसे में कोई यहां उनके साथ गठबंधन क्यों करेगा. 

ऐसे में जदयू मानती है कि वह कांग्रेस के षडयंत्र से आज आजाद हुई है. केसी त्यागी ने साफ कह दिया कि राजद से कुछ मामूली बातों को लेकर मतांतर था लेकिन गठबंधन टूटने की असली वजह तो कांग्रेस रही है. केसी त्यागी ने तो यह तक कह दिया कि कांग्रेस यात्रा भारत जोड़ो न्याय यात्रा निकालकर सभी क्षेत्रियों दलों को अपने झंडे के नीचे लाने की कोशिश कर रही थी.   

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