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पटना: Bihar News: इंडिया गठबंधन की सोच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की रही. उन्होंने देश के सभी विपक्षी दलों को एक मंच पर लाकर खड़ा कर दिया. वह भी तब जब इसमें से कई दल राज्यों में एक दूसरे के साथ साझेदारी तक नहीं करना चाहते हैं. वहीं इंडिया गठबंधन में अब तक सीट शेयरिंग पर कोई बात नहीं हो पाई है ना ही नीतीश कुमार को इस गठबंधन में कोई सम्मानजनक पद मिल पाया है. जदयू तो अब नीतीश को इस गठबंधन के पीएम पद के उम्मीदवार के तौर पर घोषणा करने की मांग कर रही है. इस सब के बीच बिहार में जदयू के नेताओं ने स्पष्ट कर दिया है कि पिछले लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी 17 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और 16 पर जीत हासिल की थी ऐसे में सिटिंग सीटों पर तो उसका दावा पहले से पुख्ता है. एक सीट जो वह हारी उसपर भी उसकी पकड़ मजबूत थी और वह दूसरे नंबर की पार्टी रही थी.
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ऐसे में अब नीतीश कुमार के रूख को भांपते हुए इंडिया गठबंधन के दलों के नेता नीतीश कुमार से संपर्क साध रहे हैं. बता दें कि आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सीपीआई यानी लेफ्ट के नेता डी राजा की मुलाकात हुई तो वहीं द्रविड़ मुनेत्र कड़गम के नेता टीआर बालू भी नीतीश कुमार से मिले.
दोनों नेताओं से नीतीश कुमार की अलग-अलग मुलाकात हुई. बताया जा रहा है कि बिहार में गठबंधन के दलों के बीच सीट शेयरिंग को लेकर पेंच ना फंस इसको लेकर दोनों नेताओं ने नीतीश कुमार से मुलाकात की है. दोनों नीतीश के सीएम आवास पर मिलने पहुंचे थे.
द्रविड़ मुनेत्र कड़गम के नेता टीआर बालू की मुलाकात को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि वह तमिलनाडु के सीएम एम के स्टालिन का संदेश लेकर उनसे मिलने पहुंचे थे. दूसरी तरफ लेफ्ट पार्टी सीपीआई की तरफ से बिहार में अपने लिए लोकसभा सीट की तलाश की जा रही है.
वहीं इस बीच कपिल पाटिल की भी नीतीश कुमार से मिलने की खबर है. वह महाराष्ट्र के नेता हैं. जिनको 2022 में ललन सिंह ने पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनाया था. एक तरफ जहां बिहार में लोकसभा चुनाव में सीट शेयरिंग को लेकर एनडीए निश्चिंत दिख रही है. वहीं इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर माथापच्ची जारी है. इस बीच यह भी खबर आई की बिहार में राजद और जदयू 17-17 सीटों पर चुनाव लड़ने का मुड बना चुकी है और अन्य गठबंधन सहयोगियों के लिए 8 सीटें छोड़ दी है. जिसमें कांग्रेस को भी हिस्सेदारी लेनी है.
जबकि बिहार में कांग्रेस और राजद की सीट शेयरिंग को लेकर बैठक हो चुकी है. हालांकि इसमें जो फैसला हुआ है वह आखरी फैसला नहीं है यह बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह बता चुके हैं. अब ऐसे में देखना यह होगा कि विपक्षी दलों की नीतीश से मुलाकात का परिणाम क्या निकलता है.