HIV AIDS: बिहार के बेतिया और गोपालगंज के बाद अब झारखंड में एड्स लोगों को डराने लगा है. झारखंड के खूंटी में हर साल 5-6 संक्रमित लोग मिलते है. वहीं वर्तमान में अभी झारखंड में 15 हजार से ज्यादा लोग एड्स से संक्रमित है.
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Jharkhand HIV AIDS: बिहार के साथ-साथ अब झारखंड में भी एड्स के मरीज मिलना शुरू हो गए है. झारखंड में भी हर साल लोग एड्स पॉजिटिव पाए जाते है. वहीं खूंटी जिले में प्रत्येक वर्ष पांच से छह लोग एचआईवी पॉजिटिव से ग्रसित पाए जा रहे हैं. लेकिन अवैध संबंध थमने का नाम नहीं ले रहा है. कहीं बलात्कार तो कहीं प्रेम प्रसंग के मामले हमेशा आते रहते है. बिना जांच किए कोई भी ये नहीं बता सकता है कि सामने वाले युवक या युवती की स्थिति कैसी है.
वहीं सदर अस्पताल में एचआईवी जांच के लिए केंद्र तो है लेकिन गर्भवती महिलाओं और चिकित्सक के द्वारा जांच के लिए भेजे लोग तो जाते हैं, पर गलत राह अपनाने के बावजूद स्वयं कोई जांच के लिए जाना नहीं चाहता. ऐसे में अवैध देह व्यापार और असुरक्षित देह संबंध खतरा बनता जा रहा है. इस प्रकार बिना जांच कराए कुछ लोग खूंटी में घूम रहे हैं. इससे एचआईवी से स्वयं को तो खतरा है ही, साथ ही दूसरे को भी खतरे में डालने का एक माध्यम भी बन जाता है.
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जिले के एचआईवी परामर्शी कामाख्या नारायण सिंह ने बताया कि ज्यादातर लोग जो बाहर के प्रदेशों में काम करने जाते हैं. वैसे लोग ही ग्रसित हो कर आते हैं. जिनसे फैल रहा है. जो सतर्क व सुरक्षित रहना चाहते हैं और जिसे चिकित्सा जांच के लिए भेजते हैं तो उनकी जांच हो जाती है, लेकिन जो यहां नहीं आते है, उसे चिन्हित कर पाना दिक्कत हो जाता है. खूंटी में लड़का हो या लड़की बाहर से काम करके आते हैं. जिन्हें शारीरिक संबंध बनाने की आदत या शौक रहता है. जिनके असुरक्षित यौन संबंध से एचआईवी पॉजिटिव का खतरा बढ़ जाता है. जो आगे एड्स का रूप ले लेता है. उसमें से चिन्हित लोगों को बुलाया जाता है, लेकिन कुछ आना नहीं चाहते हैं.
उन्होंने कहा कि जिनका एचआईवी पॉजिटिव हो जाता है, उनकी पहचान गुप्त रखी जाती है. लेकिन तब भी वो नहीं आते हैं. ऐसे लोगों से ही खतरा बढ़ जाता है. वो चिन्हित व्यक्ति किसी से संबंध बना लेते है तो एचआईवी फैलने का अंदेशा बढ़ जाता है. हालांकि कई ऐसी लड़कियां यहाँ यौन संबंध बनाने के पश्चात आते हैं, जिनका जांच किया जाता है. इससे सभी सुरक्षित रहते हैं.
एचआईवी एक लाइलाज बीमारी है जो इम्यूनिटी पावर को कम करता जाता है. शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता घटाता जाता है. इसके लिए दवा दिया जाता है कि उसे कोई गंभीर बिमारी न हो और एचआईवी से ग्रस्त व्यक्ति का देहांत न हो और लोग इससे बचे रहें. इसके लिए दवा दिया जाता है. यहाँ आएं स्वयं बचें और दूसरों को भी बचाएं.
ध्यान रहें कि एड्स न केवल असुरक्षित संबंध बल्कि कई बार ब्लकि कई और वजह से भी फैलता है. जिसके चलते आप नीचे दिए गए लिंक से जानकारी ले सकते है.
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इनपुट- ब्रजेश कुमार, खूंटी