झारखंड के राज्यपाल ने रांची हिंसा पर डीजीपी समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को किया तलब
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झारखंड के राज्यपाल ने रांची हिंसा पर डीजीपी समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को किया तलब

Ranchi violence: झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने रांची में हाल ही में हुई हिंसा को लेकर सोमवार को पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) नीरज सिन्हा और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को राजभवन तलब किया.

(फाइल फोटो)

रांचीRanchi violence: झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने रांची में हाल ही में हुई हिंसा को लेकर सोमवार को पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) नीरज सिन्हा और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को राजभवन तलब किया. उन्होंने जानना चाहा कि भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारों, रबड़ की गोलियों या आंसू गैस का इस्तेमाल क्यों नहीं किया गया और प्रशासन एहतियाती कार्रवाई करने में नाकाम क्यों रहा. 

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो निलंबित प्रवक्ताओं द्वारा पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित विवादास्पद टिप्पणियों को लेकर शुक्रवार को हिंसक विरोध-प्रदर्शन के बाद झारखंड की राजधानी में तनाव की स्थिति है. हिंसा में दो लोगों की मौत हुई थी और 24 से अधिक घायल हो गए थे.
पुलिस महानिदेशक ने बैस को सूचित किया कि खुफिया ब्यूरो (आईबी) की एक रिपोर्ट के अनुसार, पैगंबर मोहम्मद पर विवादास्पद टिप्पणी को लेकर राज्य की राजधानी में 10 जून के विरोध-प्रदर्शन के दौरान केवल 150 लोगों के जुटने की उम्मीद थी. हालांकि, हिंसक विरोध में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया.

राजभवन की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘आपने पानी की बौछारों, रबड़ की गोलियों और आंसू गैस का इस्तेमाल क्यों नहीं किया. वहां इन चीजों की कोई व्यवस्था क्यों नहीं थी?’ बयान में कहा गया है, ‘प्रशासन ने प्रस्तावित कार्यक्रम, धरना, प्रदर्शन, जुलूस को लेकर क्या व्यवस्था की थी. आपके पास खुफिया ब्यूरो (आईबी), अपराध जांच विभाग (सीआईडी) है और विशेष शाखा ने क्या सूचना दी थी? जुलूस के संचालन के दौरान वहां कितने सुरक्षाकर्मी और मजिस्ट्रेट मौजूद थे? आपने कोई एहतियाती कार्रवाई क्यों नहीं की?’

रांची के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) सुरेंद्र कुमार झा और उपायुक्त छवि रंजन समेत अन्य अधिकारियों को सोमवार को राज्यपाल ने अपने सरकारी आवास पर तलब किया. राज्यपाल ने सवाल किया कि पुलिस अधिकारी और कर्मी हेलमेट और सुरक्षात्मक गियर क्यों नहीं पहने हुए थे. उन्होंने पूछा, ‘अब तक कितनी गिरफ्तारियां की गई हैं? कितनी प्राथमिकी दर्ज की गई हैं? सभी प्रदर्शनकारियों और जो पकड़े गए हैं, उनका विवरण प्राप्त करें, उनके नाम/पते सार्वजनिक करें, शहर में मुख्य स्थानों पर उनकी तस्वीरों वाली होर्डिंग लगाएं, ताकि जनता भी उन्हें पहचान सके और पुलिस की मदद कर सके.’ उन्होंने यह जानना चाहा कि क्या पुलिस ने सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वाले लोगों की पहचान की है और क्या उन्हें दंडित करने के लिए कोई कार्रवाई की गई है. बैस ने कहा, ‘ऐसे सभी लोगों की पहचान करने और उन्हें दंडित करने की जरूरत है.’

राज्य में अपराध की हालिया घटनाओं पर डीजीपी का ध्यान आकर्षित करते हुए बैस ने जानना चाहा कि गुमला में भीड़ द्वारा बलात्कार के आरोपी को जलाने या रांची में एक जौहरी की हत्या पर क्या कार्रवाई की गई है. झारखंड के गुमला जिले में आठ जून को एक लड़की से बलात्कार के आरोपी दो लोगों को ग्रामीणों ने पीटा और आग के हवाले कर दिया, जिसमें एक की मौत हो गई और दूसरा गंभीर रूप से घायल हो गया. बैस ने डीजीपी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को सरायकेला-खरसावां जिले के औद्योगिक शहर आदित्यपुर में तीन लोगों की हत्या और जमशेदपुर से सटे इलाके में मनप्रीत नामक व्यक्ति की हत्या पर की गई. कार्रवाई की रिपोर्ट भी उपलब्ध कराने को कहा. राज्यपाल ने ‘जल्द से जल्द’ कार्रवाई की जानकारी मांगी है.
 
झारखंड उच्च न्यायालय ने एक आपराधिक मामले में गवाह मनप्रीत की हत्या को लेकर स्वत: संज्ञान में ली गई. एक जनहित याचिका पर नौ जून को सुनवाई शुरू की थी और राज्य को यह सूचित करने का निर्देश दिया था कि क्या उसके पास गवाह संरक्षण नीति है. रांची में हिंसक विरोध- प्रदर्शन के बाद संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और हजारों लोगों के खिलाफ 25 प्राथमिकी दर्ज की गई है.

(इनपुट-भाषा) 

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