Rajya Sabha Chunav 2022: अविनाश पांडेय ने कहा कि कांग्रेस के पास 17 विधायक हैं. यह संख्याबल भी पर्याप्त नहीं है, लेकिन गठबंधन सरकार की गाड़ी तभी अच्छे तरीके से चल सकती है कि जब इसमें शामिल सभी पार्टियां एक-दूसरे का हाथ पकड़कर चलें.
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रांची: Rajya Sabha Chunav 2022: झारखंड में राज्यसभा चुनाव के लिए झामुमो की ओर से प्रत्याशी घोषित किये जाने के बाद कांग्रेस के नेताओं ने खुलकर नाराजगी जाहिर की है. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव और झारखंड कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पांडेय ने सोमवार को रांची में मीडिया से बात करते हुए कहा कि राज्य में गठबंधन की जो सरकार है, वह सिर्फ झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायकों के संख्याबल के आधार पर नहीं चल सकती.
बिना कांग्रेस के नहीं चल सकती सरकार
अविनाश पांडेय ने कहा कि कांग्रेस के पास 17 विधायक हैं. यह संख्याबल भी पर्याप्त नहीं है, लेकिन गठबंधन सरकार की गाड़ी तभी अच्छे तरीके से चल सकती है कि जब इसमें शामिल सभी पार्टियां एक-दूसरे का हाथ पकड़कर चलें.
जेएमएम प्रत्याशी से कांग्रेस सहमत नहीं
झारखंड में राज्यसभा की उम्मीदवारी के मुद्दे पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता हेमंत सोरेन (Hemant Soren) की कांग्रेस नेताओं से बात हुई थी. उन्होंने कहा था कि वह अपनी पार्टी में बात करने के बाद स्थिति स्पष्ट करेंगे. इसके बाद उन्होंने अपनी पार्टी का प्रत्याशी घोषित किया है. इसमें कांग्रेस की सहमति नहीं है. यह जरूर है कि राज्यसभा चुनाव के लिए उनके पास अपना संख्याबल है और उन्होंने अपने स्तर पर यह निर्णय लिया है.
'सीएम हेमंत से करेंगे बात'
झारखंड कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पांडेय ने कहा कि वह इस मुद्दे पर पार्टी के विधायकों और नेताओं से बात कर रहे हैं. इसके बाद हेमंत सोरेन के सामने भी हम अपनी बात रखेंगे और आगे का रास्ता इसी आधार पर तय करेंगे.
कांग्रेस-जेएमएम में बढ़ी दूरियां
दरअसल, झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) की ओर से राज्यसभा चुनाव के लिए पार्टी नेता महुआ माजी को उम्मीदवार बनाए जाने के बाद से जेएमएम और कांग्रेस के बीच विवाद बढ़ गया है. नाराजगी के बीच कांग्रेस के प्रभारी प्रदेश ने विधायकों और वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई. जेएमएम के उम्मीदवार उतारे जाने से कांग्रेस नेताओं की नाराजगी के बीच झारखंड प्रभारी अविनाश पांडे मंगलवार सुबह रांची पहुंचे और पार्टी के विधायकों और वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की.
रांची में हुई बैठक
वहीं, बैठक से ठीक है एक दिन पहले सोमवार शाम अविनाश पांडे ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर प्रदेश के नेताओं की नाराजगी उनके सामने रख दी है, जिसके बाद उन्होंने प्रदेश में ये बैठक बुलाने का फैसला किया.
सरकार से समर्थन वापस लेगी कांग्रेस?
अटकलें लगाई जा रही हैं कि कांग्रेस पार्टी जेएमएम के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर करने के लिए झारखंड में सरकार से अपना समर्थन वापस ले सकती है. ऐसे में अगर कांग्रेस के तमाम विधायक सरकार से समर्थन वापस लेते हैं तो झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार गिर सकती है. इससे पहले कांग्रेस का पूरा प्रयास था कि इस बार राज्यसभा में झारखंड से उनका उम्मीदवार जाए और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पार्टी उनका समर्थन कर दे.
सोनिया-हेमंत की दिल्ली में हुई थी मुलाकात
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने हेमंत सोरेन से मुलाकात भी की. लंबी मीटिंग हुई, लेकिन फिर भी अंत में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्यसभा चुनाव के लिए पार्टी नेता महुआ माजी की उम्मीदवारी का ऐलान कर दिया. ऐसे में कांग्रेस पार्टी ने इसको लेकर खासी नाराजगी जाहिर की है.
गठबंधन से बंधा हूं: हेमंत सोरेन
दूसरी तरफ हेमंत सोरेन कह रहे हैं, 'मैं सीधी बात करना पसंद करता हूं, लेकिन अभी गठबंधन से बंधा हूं, जिसका सम्मान किया जाना चाहिए.'
(आईएएनएस)