Nilgai Terror in Jehanabad: बिहार के जहानाबाद में नीलगाय का आतंक मचा हुआ है, दर्जनों की संख्या में नीलगाय खेतों में लहलहाते फसल को पल भर में नष्ट और चट कर जाते हैं, जिससे किसान काफी परेशान हैं. उनके ऊपर नीलगाय से फसल को बचाने की समस्या उत्पन्न हो गई है. नीलगाय से खेतों के फसल को बचाने के हर प्रयास विफल हो रहे हैं.
Trending Photos
Terror of Nilgai in Jehanabad News: बिहार के जहानाबाद जिले में नीलगाय के आतंक से किसान परेशान हैं. दर्जनों की संख्या में नीलगाय झुंड में आते हैं और खेतों में खड़ी और लहलहाते फसलों को पल भर में चट कर जाते हैं, जिससे किसानों के सामने फसल बचाने की समस्या उत्पन्न हो गई है. यह मामला सदर प्रखंड के सिकरिया का है. सवाल यह है कि यहां नीलगाय से किसानों को निजात कब मिलेगी? कई साल से किसान नीलगाय के आतंक से परेशान हैं, किसानों के इस समस्या पर प्रशासन भी ध्यान नहीं दे रहे हैं? खरीफ फसल के बाद अब किसानों की रबी फसल भी बर्बादी हो रही है. जहानाबाद के उत्तर पश्चिम के इलाके से कुछ ही किलोमीटर दूर उत्तर से पटना जिला शुरू हो जाता है. पटना जिला से पहले जहानाबाद का सिकरिया इलाका पड़ता है. वहां से लेकर जिला मुख्यालय के पश्चिम गोनसा तक मसूर की खेती होती है.
सैकड़ों एकड़ के इस इलाके को डांगर कहते हैं. डांगर में खेती करने वाले किसान पिछले कुछ सालों से परेशान हैं, वजह है नीलगाय. नीलगाय के आतंक का किसानों को काट नहीं सूझ रहा है. क्षेत्र के किसान बेहद परेशान हैं. दिन-रात कठोर परिश्रम करते हुए फसल उगाने के बाद नीलगायों की झुंड आकर एक ही झटके में रातों-रात पानी फेर दे रही है. हालांकि, नीलगायों की समस्या किसानों के लिए कोई नई नहीं है. हाल के चार-पांच वर्षों में इसमें काफी बढ़ोतरी हुई है.
यह भी पढ़ें: नीलम गिरी भोजपुरी की रश्मिका मंदाना? निरहुआ संग नेपाल में उड़ा रहीं गर्दा, देखिए तस्वीरें
आलम यह है कि दिन में अपनी लहलहाती फसल को देख हजारों सपने पालने वाले किसान जब अगले दिन खेत पर पहुंचते हैं, तब तक उनका सब कुछ लुट चुका होता है. महाजन का उधार कैसे चुकेगा, उन्हें यह चिंता सताने लगी है. किसानों ने बताया कि रात के साथ-साथ दिनों में भी नीलगाय के झुंड बाहर निकलते हैं और फसल को रौंदते हुए खाते हैं. कुछ अपने पैरों से कुचलकर बर्बाद भी कर देते हैं. नीलगाय को भगाने के लिए किसानों द्वारा खेतों में घेराबंदी कर पुतले भी रखे जा रहे हैं, लेकिन अब इसका भी कोई असर उन पर नहीं पड़ रहा है.
इधर इस संबंध में डीएम अलंकृता पांडेय ने बताया कि नीलगायों से निपटने के लिए सरकारी स्तर पर प्रावधान किया गया है. पंचायतों के मुखिया को नीलगायों को खत्म करने के लिए वन विभाग से समन्वय बनाकर समस्या के समाधान के लिए निर्देशित किया गया है. अब तक किसी इलाके से कोई किसान समस्या की औपचारिक शिकायत नहीं कर पाए हैं. किसानों को शिकायत के लिए आगे आना चाहिए. प्रशासन उनके लिए समाधान का रास्ता खोजने में जरूरी मदद करेगा.
यह भी पढ़ें: 'बिहारी रशियन गर्ल', कोमल सिंह की ये तस्वीरें खुद कर रही साबित!
हालांकि, पहले इस इलाके में नक्सली रहते थे, तब खेतों में प्रतिबंध था परंतु बदलते वक्त और नक्सली समस्या समाप्त होने के बाद भी किसानों की समस्या जस की तस बनी हुई है. वैसे तो किसान अब अपनी जमीन पर बिना किसी भय के खेती तो कर रहे हैं, लेकिन अब खेतों की पैदावार घर जाने से पहले ही नील गाय के भेंट चढ़ जा रही है. हालत यह है की किसान पूंजी लगाने और मेहनत करने के बावजूद अपनी उगी हुई फसल का लाभ नहीं उठा रहे हैं.
इनपुट - मुकेश कुमार
बिहार की नवीनतम अपडेट्स के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहाँ पढ़ें Bihar News in Hindi और पाएं Bihar latest News in Hindi हर पल की जानकारी । बिहार की हर ख़बर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार। जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड!