घाटशिला के गुराबांदा प्रखंड में इन दिनों जंगली हाथियों का आतंक जारी है. यहां पर बीते 6 दिनों से ग्रामीण देर रात जाग कर झुंड को भगाने के प्रयास में लगे हैं. गुराबांदा प्रखंड के दर्जनों गांव के लोग अपनी और अपने परिवार के लिए जिंदगी की जद्दोजहद कर रहे हैं.
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Ghatshila: झारखंड के घाटशिला के गुराबांदा प्रखंड में इन दिनों जंगली हाथियों का आतंक जारी है. यहां पर बीते 6 दिनों से ग्रामीण देर रात जाग कर झुंड को भगाने के प्रयास में लगे हैं. गुराबांदा प्रखंड के दर्जनों गांव के लोग अपनी और अपने परिवार के लिए जिंदगी की जद्दोजहद कर रहे हैं और दिन रात भय के साए में जाग कर समय बिता रहे हैं.
15 हाथियों के झुंड ने गांव पर किया हमला
दरअसल, घाटशिला में पश्चिम बंगाल के सीमा से स्वर्णरेखा नदी पार कर लगभग 15 हाथियों का एक झुंड पिछले 02 अक्टूबर को ही गुराबांदा प्रखंड में प्रवेश कर गया था. जिसके बाद हाथियों के झुंड ने गांवों पर हमला कर दिया. हाथियों का झुंड इन दिनों गुराबन्दा प्रखंड के सिंहपुरा,तिरिलडीह, आसानबनी,लाऊ पाड़ा, चुआशोल,कुम्हराशोल,अंगरपाड़ा सहित आसपास के गांवों में हमला कर रहे हैं.
फसलों को किया बर्बाद
वहीं, दिन भर हाथियों का यह झुंड जंगलों में घूमता है और आराम करता है. लेकिन शाम होते ही झुण्ड के सभी हाथी गांव की ओर निकल जाते हैं. देर रात हाथियों का यह झुंड गांव में घुसकर ग्रामीणों के खेतों में लगे धान की बाली, केला, सब्जी आदि को खा कर और रौंद कर तहस नहस कर दिया है. जिसके बाद से किसान बेहद परेशान हैं. उनके साल भर की मेहनत बर्बाद हो गई है.
घेराबंदी कर घर के दरवाजें और दीवारें तोड़ी
इसके अलावे हाथी गांव में घुस कर घरों की घेराबन्दी करके दरवाजों और दीवालों को तोड़ दिया है. साथ ही घरों में रखा अनाज भी खा गए हैं. इस।दौरान घरों में सो रहे महिला और बच्चे किसी तरह अपनी जान बचाकर भागने को मजबूर है. दो अक्टूबर से लेकर अभी तक गांव में हाथियों के आतंक से ग्रामीण पूरी तरह से डरे और सहमे हुए हैं. इस दौरान ग्रामीण दिन भर रणनीति बनाकर रात में जागते हैं. रणनीति के अनुसार हाथियों को गांव से खदेड़ने का काम करते हैं. इस कार्य में पुरुष, महिला और बच्चे सभी शामिल रहते हैं.
जान जोखिम में डालकर खदेड़ रहे हाथियों को
ग्रामीणों के पास लाठी डंडे और कपड़े की मशाल बनाकर इन हाथियों को भगाने के अलावा कोई सहारा नहीं है. वन विभाग के अधिकारियों को इसकी जानकारी मिलने के बाद भी अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गए है. जिसके कारण ग्रामीण मजबूरन अपनी जान को जोखिम में डालकर दिन रात हाथियों को खदेड़ने में जुटे हुए हैं.
ग्रामीणों ने कही हाथियों को जहर देने की बात
हाथियों के आतंक से तंग आकर अब ग्रामीण हाथियों के झुंड को जहर देकर मारने की भी बात कर रहे हैं. ऐसे में समय रहते ग्रामीणों के साथ मिलकर वन विभाग अगर इन हाथियों को भगाने के लिए कोई सख्त कदम नहीं उठाया है तो ग्रामीण हाथियों को जहर देकर गांव में ही मार देंगे. जिसके बाद वन विभाग के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है.
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