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Ranchi: झारखंड के दक्षिण हिस्से में बीतें शुक्रवार से लगातार बारिश हो रही है, जिस वजह से आम जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. लगातार हो रही बारिश की वजह से यहां बाढ़ के हालात हो गए हैं. जिसके बाद लगातार हो रही बारिश के कारण नदियों और बांधों के उफान पर होने के चलते निचले इलाकों में बाढ़ के हालात बनने पर झारखंड के दक्षिणी हिस्से में रहने वाले करीब 2,500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. इस बात की जानकारी अधिकारियों ने दी है.
भारी बारिश लाने वाला गहरे दबाव का क्षेत्र कमजोर पड़ा है, लेकिन राज्य के कुछ हिस्सों में रविवार को हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई. झारखंड के कोल्हान संभाग में शनिवार से बाढ़ जैसी स्थिति से प्रभावित करीब 2,500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. कोल्हान संभाग में सरायकेला खरसावां और पूर्वी और पश्चिमी सिंहभूम जिले शामिल हैं.
अधिकारियों ने बताया कि रविवार सुबह खतरे के निशान से ऊपर बह रही खरखाई और स्वर्णरेखा नदियों का जलस्तर धीरे धीरे कम हो रहा है. उन्होंने बताया कि चांडिल और तेनुघाट जैसे बांधों से छोड़ा गए पानी के कारण निचले इलाकों में जलभराव हो गया, जिससे खासतौर पर पूर्वी सिंहभूम जिले के जमशेदपुर शहर समेत विभिन्न क्षेत्रों के लोग प्रभावित हुए.
इसी बीच रामगढ़ जिला प्रशासन ने भी अलर्ट जारी कर दिया है. रामगढ़ जिला प्रशासन ने कहा है कि कभी भी पतरातू बांध के रेडियल गेट खोले जा सकते हैं. इसको लेकर कांके बांध के कार्यकारी अभियंता अजय कुमार सिंह ने बताया कि बांध का जलस्तर खतरे के निशान के पास है. इसके अलावा रांची के कांके बांध में जलस्तर 28 फीट के भंडारण स्तर को पार कर चुका है.
जिसके बाद बांध का एक गेट पानी छोड़ने के लिए खोल दिया गया है. हालांकि इसके बाद भी बांध में जलस्तर 27 फीट है.
(इनपुट: भाषा)