Heart Attacks in Winter : सर्दियों में हार्ट अटैक का क्यों बढ़ जाता है खतरा? देखें एक नजर
Advertisement
trendingNow0/india/bihar-jharkhand/bihar2025397

Heart Attacks in Winter : सर्दियों में हार्ट अटैक का क्यों बढ़ जाता है खतरा? देखें एक नजर

Heart Attacks in Winter : शरद ऋतु/सर्दियों के मौसम में वृद्ध रोगियों में एसीएस अधिक आम था, जब उनकी सामाजिक-महामारी विज्ञान स्थिति कम थी और परिणामस्वरूप, एक अलग आहार आहार था. उम्र ही एकमात्र ऐसा कारक था जिसने एसीएस की घटना को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित किया.

Heart Attacks in Winter : सर्दियों में हार्ट अटैक का क्यों बढ़ जाता है खतरा? देखें एक नजर

Heart Attacks in Winter : एक्यूट कोरोनरी सिंड्रोम (एसीएस) दुनिया भर में मौत का मुख्य कारण है.  यह एक सामान्य स्वास्थ्य समस्या भी है. जानकारी के लिए बता दें कि खराब लाइफस्टाइल और खानपान की वजह से लोगों को मायोकार्डियल इस्किमिया (हृदय में रक्तसंचार की कमी) का सामना करना पड़ रहा है. एक रिसर्च के अनुसार कोरोनरी दिल की बीमारी के प्रमुख कारण धूम्रपान, उच्च रक्तचाप और हाइपरलिपिडेमिया (अधिक लिपिड्स या वसा की मात्रा) हैं. इस अध्ययन में उच्च रक्तचाप सबसे आम जोखिम कारक है (71.8%), लेकिन धूम्रपान, हाइपरलिपिडिमिया, पारिवारिक इतिहास और मधुमेह भी महत्वपूर्ण हैं.

सर्दियों के दौरान दिसंबर में एक्यूट कोरोनरी सिंड्रोम (एसीएस) की घटनाएं सबसे अधिक थीं, जबकि मार्च में सबसे कम थीं. शरद ऋतु/सर्दियों के मौसम में वृद्ध रोगियों में एसीएस अधिक आम था, जब उनकी सामाजिक-महामारी विज्ञान स्थिति कम थी और परिणामस्वरूप, एक अलग आहार आहार था. उम्र ही एकमात्र ऐसा कारक था जिसने एसीएस की घटना को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित किया.

एसीएस की जटिलताओं और परिणामों में मौसमी भिन्नताएं भी सांख्यिकीय रूप से महत्वपूर्ण थीं (पी=0.048), पोस्टइंफार्क्शन एनजाइना पेक्टोरिस वसंत/गर्मी के मौसम में अधिक आम था और हृदय विफलता (किलिप III और IV) शरद ऋतु/सर्दियों के मौसम में अधिक आम थी. वसंत/ग्रीष्म ऋतु की तुलना में शरद ऋतु/सर्दियों के मौसम में घातक एसीएस मामलों की उच्च आवृत्ति देखी गई (पी=0.001). प्राप्त परिणाम घटना पर मौसम के मिजाज के मौसमी प्रभाव की ओर इशारा करते हैं.

अब तक के आंकड़ों से पता चला है कि मौसमी स्थितियों का एसीएस पर प्रभाव होता है. इसके परिणामस्वरूप रोगियों को अपनी जीवनशैली में बदलाव करना चाहिए. विशेष रूप से सर्दियों में कार्बनिक सल्फेट्स और विटामिन डी 3 से भरपूर आहार लेकर और उन्हें जितना हो सके धूप में समय बिताना चाहिए.

Disclaimer: सभी सुझावों का पालन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना महत्वपूर्ण है.

ये भी पढ़िए-  गठबंधन में सभी दलों के नेताओं की अपनी है महत्वाकांक्षा, सभी को बनना है PM : मनोज तिवारी

 

Trending news