Jharkhand News: इस घटना के बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक डॉ. मुकेश बेसरा ने अपनी एक मेडिकल टीम के साथ गांव मे कैम्प लगाया. इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों के खून की जांच की और संक्रमित मरीजों को दवा वितरित की.
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Jharkhand health system: झारखंड के पाकुड़ जिला में मलेरिया का काफी कहर देखने को मिल रहा है. पाकुड़ जिले के लिट्टीपाड़ा प्रखण्ड के जामकुन्दर गांव में पिछले दो सप्ताह में 4 बच्चों और बुजुर्ग महिला की मौत हो चुकी है. जिला प्रशाशन को खबर तब हुई जब चार वर्षीय रेशमा मुर्मू की मौत पश्चिम बंगाल के प्राइवेट अस्पताल डीटीएच में इलाज के दरम्यान हो गई. बच्ची की मौत की वजह मलेरिया बताई गई. इस घटना से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया. सूचना पर स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पहुंची और लोगों की जांच की.
बच्ची की मौत के बाद उपायुक्त के निर्देश पर मेडिकल टीम के साथ स्वयं सिविल सर्जन गांव पहुंचकर परिजनों से मिले. वहां उन्होंने जब ग्रामीणों का चेकअप किया, तो दर्जनों लोग बीमार मिले. जिसपर उन्होंने सभी लोगों को दवाएं वितरित की. इस घटना को लेकर ग्राम प्रधान ने बताया कि पिछले एक सप्ताह से गांव में बच्चे से लेकर वृद्ध व्यक्ति बीमार पड़ रहे है. शनिवार (16 दिसंबर) को एक वर्षीय रामेश्वर किस्कू और 15 वर्षीय छिता टुडु की मौत भी हो गई. दोनों के परिजन उनका इलाज सुरजबेडा में कथित झोलाछाप डॉक्टर से करवा रहे थे.
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मृतक बच्चे की मां ने बताया कि वह बच्चे को डॉक्टर से इलाज करवा कर वापस घर ले आए थे. घर वापस आने पर उसे फिर से तेज बुखार हो गया. कुछ समय के बाद बच्चे ने दम तोड़ दिया. अन्य बच्चों का इलाज भी झोलाछाप डॉक्टर कर रहे थे. इस घटना के बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक डॉ. मुकेश बेसरा ने अपनी एक मेडिकल टीम के साथ गांव मे कैम्प लगाया. इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों के खून की जांच की और संक्रमित मरीजों को दवा वितरित की.
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बता दें कि जिला जनसंपर्क विभाग से दी गई जानकारी के मुताबिक 27 नवम्बर से 3 दिसंबर तक घर घर सर्वे कर 29,936 लोगो की मलेरिया जांच की गई थी. जिसमें 972 पोजेटिव पाए गए थे. जिसके बाद सभी का इलाज कराया गया. इससे पहले भी डेंगू-मलेरिया से कई लोगों के मरने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं.
रिपोर्ट- सोहन प्रमाणिक