Giridih News: सदर प्रखंड उप प्रमुख कुमार सौरव प्रखंड मुख्यालय परिसर में स्थित सरकारी अनाज के गोदाम में आ पहुंचे. यहां जब वे पहुंचे देखा कि एजीएम संजय गोदाम में नहीं है. वहीं ऑपरेटर संजीत भी लापता है.
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गिरिडीह: Giridih News: सरकारी अनाज, गोदाम और गड़बड़झाला, यह कोई नई बात नहीं है. वर्षों से झारखंड में गरीबों के अनाज पर डाका एक सुनियोजित तरीके से डाला जाता रहा है. गोदाम से अनाज को निकालने, उसके डीलर के पास पहुंचने से पहले गाड़ी समेत गायब होने का प्रकरण भी कई दफा सामने आ चुका है. ऐसी गड़बड़ी पर शायद जिम्मेदार भी गंभीर नहीं होते हैं. खैर, जिम्मेदार अपनी जिम्मेवारी सही से निभाए या नहीं यह उनका विषय है. लेकिन इस बार गिरिडीह सदर के गोदाम में हो रही ऐसी ही एक गड़बड़ी सामने आई हैं. हम बता रहे हैं कि कैसे एक असिस्टेंट जनरल मैनेजर (एजीएम) अपनी जवाबदेही को छोड़कर लापता हो जाता है और गोदाम में अनाज को तौलने, उसका हिसाब सरकारी खाते में चढ़ाने और फिर डोर स्टेप डिलीवरी के वाहन पर बोरियों को रखवाने का काम बाहरियों और बच्चे को दे देता है. यह पूरा मामला गोराडीह प्रखंड मुख्यालय में अवस्थित सरकारी अनाज के गोदाम से जुड़ा हुआ है.
दरअसल, सदर प्रखंड उप प्रमुख कुमार सौरव प्रखंड मुख्यालय परिसर में स्थित सरकारी अनाज के गोदाम में आ पहुंचे. यहां जब वे पहुंचे देखा कि एजीएम संजय गोदाम में नहीं है. वहीं ऑपरेटर संजीत भी लापता है. एक टेबल पर एक लड़का चावल की बोरियों का वजह करवा रहा है. वहीं थोड़ी दूरी पर दूसरे टेबल पर एक युवक भी अनाज की बोरियों का वजन करवा कर गाड़ी में न सिर्फ रखवा रहा है. बल्कि सरकारी रजिस्टर में एंट्री भी कर रहा है. इस दौरान मौके पर पहुंचे उप प्रमुख के साथ मौजूद मीडियाकर्मियों ने एक युवक से पूछा कि आप कौन हैं और गोदाम के अंदर कैसे हैं? इस सवाल पर युवक ने गर्व से कहा कि मैं एजीएम साहब संजय का भाई विपिन हूं, उसने कहा कि एजीएम साहब डीएसओ के पास गए हैं.
उप प्रमुख कुमार सौरव ने कहा कि तनख्वाह भी एजीएम ले और फिर भाई-भतीजा को सरकारी गोदाम की चाबी देकर खुद फरार हो जाए. यह लापरवाही नहीं है बल्कि गरीब के अनाज पर सुनियोजित तरीके से डाका डालने की साजिश है. यहां प्रत्येक बोरी अनाज भी कम तोलने की शिकायत है. इसकी जांच तो हो ही. सबसे पहले एजीएम पर कार्रवाई हो और यह भी जांच की जाए कि किसके आदेश पर गैर सरकारी कर्मियों को इस तरह के संवेदनशील कार्यों में लगाया गया था.
उन्होंने कहा कि वे लगभग एक घंटे तक गोदाम में रहे लेकिन एजीएम नहीं आया. हालांकि ऑपरेटर गोदाम पहुंच लापता होने पर संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया. यह मामला अभी एक सरकारी कर्मचारी द्वारा की गई गड़बड़ी को लेकर सामने आया है. लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि ऐसे कई और सरकारी कर्मचारी भी हो सकते हैं जो अपनी जगह दूसरों से काम करवा रहे हों. जरूरत है कि सरकार और प्रशासन ऐसे कर्मचारियों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करें.
इनपुट- मृणाल सिन्हा, गिरिडीह