Bihar News: बिहार के मोतिहारी के सरकारी स्कूल में मिलने वाले मध्याह्न भोजन के चावल में कीड़ा निकलने का मामला सामने आया है. जिसके बाद इस मामले में हेडमास्टर का बयान सुन कर आप हैरान हो जाएंगे.
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मोतिहारी: बिहार के सरकारी स्कूलों में बच्चों को मिलने वाले मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता को लेकर आए दिन सवाल उठते रहते हैं. वहीं अब मोतिहारी के सरकारी स्कूलों में छात्रों के मध्याह्न भोजन में खिलाए जाने वाले चावल में कीड़ा निकलने लगा है. मोतिहारी के सुगौली और पीपरा के सरकारी स्कूलों में बच्चों के खाने वाले चावल में कीड़ा निकला है. इस बाच हैरान करने वाला बात ये है कि स्कूल के हेडमास्टर का कहना है कि चावल में कीड़ा होता ही है.
गांव के युवकों ने दोनो ही स्कूलों में कीड़ा वाले चावल का वीडियो बनाकर वायरल कर दिया है. पीपरा के राजकीय मध्य विद्यालय विशुनपुरा के हेडमास्टर मोहम्मद हाकिम का दावा है कि कीड़ा के बिना चावल होता ही नहीं है. राजकीय मध्य विद्यालय विशुनपुरा के हेडमास्टर का बेतुका तर्क सुनकर हर कोई हैरान है. एक हेडमास्टर जिसके जिम्मे स्कूल के पठन पाठन के अलावा बच्चों की पूरी सुरक्षा की जिम्मेदारी होती है अगर वही यह कहे की चावल में कीड़ा होता ही है ना सिर्फ बेतुका तर्क है बल्कि गैरजिम्मेदाराना हरकत भी है.
हेडमास्टर का कहना कि किस चावल में कीड़ा नहीं होता है. यानी जिस चावल से स्कूल में बच्चों का खाना बनता है उसमें कीड़ा का होना कोई बड़ी बात नहीं है. मोहम्मद हाकिम ने अपना बचाव करते हुए कहा कि उनके हाथ में जबर्दस्ती कीड़ा वाले चावल की टोकड़ी रखकर वीडियो बनाकर वायरल किया गया है. हम कीड़ा वाला चावल बच्चों को कैसा खिला सकते है. वहीं प्रधानाध्यापक मोहम्मद हाकिम ने कहा कि उनका वीडियो जबर्दस्ती बनाया गया है. मोहम्मद हाकिम लगातार अपने बचाव में लगे हुए हैं.
वहीं इस मामले में जिला शिक्षा पदाधिकारी संजीव कुमार ने जांच कर कार्रवाई का भरोसा देते हुए कहा कि कई बार रख रखाव के अभाव में या चावल पुराना होने पर कीड़ा लग जाता है. पर कीड़ा वाले चावल को कतई बच्चों को नहीं खिलाना चाहिए, वैसे चावल को नष्ट किया जाता है. जिला शिक्षा पदाधिकारी ने यह भी बताया कि उनके द्वारा सभी स्कूलों को निर्देशित किया जाता रहा है कि चावल का भंडारण सही ढंग से करें. डीईओ के निर्देश और हिदायत के बाद भी मोतिहारी के दो स्कूलों में मध्यान भोजन के चावल में कीड़ा का निकलना ना सिर्फ स्कूल के हेडमास्टर बल्कि प्रखण्ड स्तर के बीपीएम,बीआरपी से लेकर प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी तक कि लापरवाही है.
ग्रामीणों की मानें तो अभी से कुछ दिन पहले तक राजकीय मध्य विद्यालय विशुनपुरा में सब कुछ ठीक था. राजकीय मध्य विद्यालय बिशुनपुरा में समन्वय के बाद से वहां की शैक्षणिक व्यवस्था, मध्याह्न भोजन, शैक्षणिक गतिविधियों को ग्रहण लगता जा रहा है. समन्वय पूर्व विद्यालय अपने शैक्षणिक व्यवस्था, शैक्षणिक गतिविधियों एवं पौष्टिक मध्याह्न भोजन में आगे था. वर्तमान में यह संस्था कदाचार का अड्डा साबित हो रहा है. यहां के प्रधानाध्यापक मो हाकिम,सहायक शिक्षक शंकर सिंह के हाथ का कठपुतली है. परिणामस्वरूप समस्या गंभीर से गंभीर होती जा रही है.
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शंकर सिंह विद्यालय अवधि में कई बार अमर्यादित पोशाक में घूमते एवं सोते हुए देखे गए हैं. शिक्षक राजेश कुमार के द्वारा प्रभारी से बोलने पर 14 नवंबर को विद्यालय प्रांगण में बवाल भी हुआ था. प्रभारी ने राजेश कुमार को कटवा कर फेंक देने का धमकी भी दी थी. अब जब मामले पर जिला शिक्षा पदाधिकारी ने संज्ञान लिया है तब उम्मीद की जा सकती है कि कीड़ा वाले चावल पर बेतुका तर्क देने वाले हेडमास्टर पर कारवाई हो सकेगी.
इनपुट- पंकज कुमार
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