Motihari News: नल जल पाइप बकरी बांधने के आ रहा काम, साल भर से पानी आना बंद
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Motihari News: नल जल पाइप बकरी बांधने के आ रहा काम, साल भर से पानी आना बंद

Motihari News: बिहार के जिला पूर्वी चंपारण के मोतिहारी में मुख्यमंत्री ड्रीम प्रोजेक्ट नल जल योजना पूरी तरह फेल होती दिखाई दे रही है. नतीजा यह है कि करीब एक वर्ष से गांव में नल जल सेवा बंद है. गांव में कहीं नल जल का पाइप बकरी बांधने के काम आ रहा है, तो कहीं अर्थिंग के तार को घर में ले जाने के काम आ रहा है. 

 

नल जल पाइप बकरी बांधने के आ रहा काम, साल भर से पानी आना बंद

Motihari News: मोतिहारी में नल जल की स्थिति ठीक दीप तले अंधेरा जैसा है. ज़ी न्यूज के रियलिटी चेक में नल जल तो चालू नहीं मिला पर नल जल में कहीं बकरी तो कहीं जंगल जरूर दिखाई दिया है. लगता है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का महत्वाकांक्षी योजना नल जल मोतिहारी में अपनी अंतिम सांसे गिन रहा है. गांव के वार्ड सदस्यों ने अब अपना हाथ खड़ा कर दिया है, नतीजा यह है कि करीब एक वर्ष से गांव में नलजल सेवा बंद है. 

गांव में कहीं नल जल का पाइप बकरी बांधने के काम आ रहा है, तो कहीं अर्थिंग के तार घर में ले जाने के काम आ रहा है. सोरपनिया गांव के नल जल के लिए मुफ्त में अपनी जमीन दान करने वाले ग्रामीण भी अब इस नल जल व्यवस्था को नकारा व्यवस्था बताने में लगे हैं. 

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गांव की महिलाएं इससे बढ़िया चापा कल को बता रही है, जिसमें ना तो रख रखाव की जरूरत पड़ती है और ना ही बिजली बिल का झंझट होता है. दरअसल लंबे समय से नल जल बंद रहने के कारण  लोग अब नल जल को नकारा बताने लगे है. मोतिहारी में कमोबेश हर जगहों पर नल जल की यही हालात है. 

मोतिहारी में नल जल जब से पीएचडी के जिम्मे गया है, तब से लोग नल जल के पानी को तरस गए हैं. कहने को तो मोतिहारी में पीएचडी का दो डिवीजन कार्यरत है. एक ढाका और दूसरा मोतिहारी डिवीजन. ढाका डिविजन के अंतर्गत 13 प्रखंडों के 2388 नल जल की जिम्मेदारी है, तो मोतिहारी डिवीजन के अंतर्गत 14 प्रखंड है. जिसमे करीब 3000 नल जल की जिम्मेदारी है. यानी दो डिवीजन के ऊपर 5388 नल जल की जिम्मेदारी है.

हालांकि, पीएचडी विभाग का भी अपना रोना है. इनके लिए संसाधन और फंड एक बड़ी समस्या है. ढाका डिविजन के 13 प्रखंडों के 2388 नल जल की निगरानी करने के लिए महज तीन संविदा वाले जूनियर इंजीनियर है, जिसमे से एक लंबी छुट्टी पर है. 

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मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट का यह हाल हैरान करने वाला है. सरकार के दावे को आईना दिखाने वाली हमारी इस रिपोर्ट को देखने के बाद हम उम्मीद करते है कि सरकार नींद से जागेगी. 

इनपुट - पंकज कुमार

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