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धनबाद:Jharkhand News: झारखंड सरकार लगातार ये दावा करती है कि राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर सुविधाएं दी जा रही है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और कहती है. झारखंड के सरकारी स्कूल में बच्चे आज भी जमीन पर बैठ कर पढ़ने को मजबूर हैं.
बच्चों के कमरे में गैस सिलेंडर
झारखंड के धनबाद जिले के निरसा में पार्षद मध्य विद्यालय केशरकुराल में विद्यालय प्रबंधन के मनमानी का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है. भीषण गर्मी में भी बच्चे बिना पंखे वाले क्लास में बैठ कर पढ़ने को मजबूर हैं. बच्चे जिस कमरे में बैठ कर पढ़ाई कर रहे है उसी में गैस सिलेंडर रखा हुआ है. जिससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. स्कूल की स्थिति भी काफी जर्जर हो गई है.अभिभावकों द्वारा स्कूल में जारी कुव्यवस्थाओं को लेकर लगातार शिकायत की जा रही है. लेकिन उनकी शिकायतों को सुनने वाला कोई नहीं है. इस संबंध में जब बच्चों से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि प्राचार्य कोई भी काम नही करते हैं वो सिर्फ आश्वासन देते हैं. यहां तक की प्रतिपूर्ति राशि आये हुए 15 दिन हो गए इसके बाद भी अभी तक राशि नहीं बांटी गई. इस संबंध में स्कूल के प्राचार्य मदन प्रसाद ने कहा कि एक दो दिन में पंखा लगा दिया जाएगा तथा सोमवार को प्रतिपूर्ति राशि का वितरण कर दिया जाएगा.
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छुआछूत तक पहुंची बात
स्कूल के अध्यक्ष तपन नाग का कहना है कि प्राचार्य को समझाने के बावजूद वो नहीं समझ रहे हैं. बच्चों को विभिन्न तरीको से प्रताड़ित किया जा रहा है. कभी आधार, बैंक पासबुक तो कभी जन्म प्रमाण पत्र के नाम पर बच्चों को प्रताड़ित किया जा रहा है. यहां तक की अब बात छुआछूत तक पहुंच गई है. इसकी शिकायत मैंने वरीय अधिकारियों को कर दिया है.