Sawan 2024: सावन के पतित-पावन महीने में भगवान शिव की पूजा-अर्चना की जाती है. कहा जाता है कि इस महीने में भगवान भोलेनाथ सबसे जल्दी प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों पर कृपा करते हैं.
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Deoghar Sawan Mela 2024: सावन महीने की शुरुआत आज से हो रही है. इस बार सावन माह में एक अद्भुत संयोग यह है कि इसकी शुरुआत भोलेनाथ के प्रिय दिन सोमवार से हुई है और समापन भी सोमवार को ही होगा. इस बार सावन में पांच सोमवार पड़ेंगे. सावन की पहली सोमवरी के साथ ही आज से विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला की शुरुआत हो गई. देवघर के वैद्यनाथ मंदिर में देर रात से ही कांवड़िए जलअर्पण करने के लिए कतार में लग गए. मंदिर से कांवड़ियों की कतार की लंबाई 4 किलोमीटर दूर तक गई. कांवड़ियों की भीड़ को देखते हुए पुलिस-प्रसाशन भी सतर्क है. देवघर के डीसी विशाल सागर लगातार पूरे मेला क्षेत्र की मॉनीटरिंग कर रहे हैं. एक अनुमान के अनुसार आज तकरीबन डेढ़ लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहली सोमवारी को भगवान भोलेनाथ पर जल अर्पण करेंगे.
देवघर के बाबा मंदिर में जल अर्पण करने के लिए गर्भ गृह और निकास द्वार पर अर्घा लगाया गया है. आज बाबा मंदिर में सुबह 4:00 बजे सरकारी पूजा समाप्त होने के बाद आम श्रद्धालुओं के लिए मंदिर का पट खोला गया. सोमवारी होने की वजह से आज श्रद्धालु काफी संख्या में वैद्यनाथ धाम पहुंच रहे हैं और मंदिर में जल अर्पण कर रहे हैं. कतार और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस और जिला प्रशासन के मजिस्ट्रेट लगातार डटे हुए हैं. 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा बैद्यनाथ धाम के मंदिर में लगातार श्रद्धालु का आना जारी है. पुरानी परंपरा के मुताबिक बिहार के सुल्तानगंज स्थित उतरवानी गंगा से जल उठाकर शिव भक्त 105 किलोमीटर की कावड़ यात्रा करते हैं और बाबा धाम में जल अर्पण करते हैं.
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उधर सावन की पहली सोमवारी पर बिहार का देवघर कहे जाने वाले मुजफ्फरपुर के बाबा गरीब स्थान मंदिर में भी शिवभक्तों का तांता लगा है. सुबह से करीब 35 हजार भोले भक्त बाबा पर अरघा के जरिए जलाभिषेक कर चुके हैं. कांवड़ियों का जत्था वैशाली जिला होते हुए मुजफ्फरपुर के बाबा गरीब नाथ धाम पहुंचा, जिसमें उतर बिहार के कई जिलों के आलावा नेपाल से भी शिव भक्त आए हैं और बाबा का जलाभिषेक कर रहे हैं. पहलेजा घाट से लेकर बाबा गरीब स्थान मंदिर तक कांवड़ियों को जलाभिषेक करने में कहीं भी किसी प्रकार की कोई दिक्कत ना हो, इसके लिए जिला प्रशासन और मंदिर कमेटी की ओर व्यापक व्यवस्था की गई है.