पटना के बाजारों में उपलब्ध आम की औसत कीमत अभी डेढ़ सौ रुपए प्रति किलो से लेकर 300 रुपए किलो तक है. इतना ही नहीं अभी जो आम बाजार में मिल रहे हैं वो प्राकृतिक तरीके से पके हुए नहीं हैं बल्कि उन्हें मैच्योर होने से पहले ही कार्बाइड देकर पकाया जा रहा है.
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पटनाः जब भी आम की बात आती है तो मुंह में पानी भर आता है. कभी इसके खट्टे स्वाद के चलते तो कभी मीठा और अनूठा स्वाद याद आते ही मन मचलने लगता है. वैसे भी जब गर्मी के सीजन में लोग शीतलता के लिए तरह-तरह की उपायों की तलाश में होते हैं, तब आम का नाम भी उसमें शामिल हो जाता है. इस दौर में पटना के बाजार में समय से थोड़ा पहले आम की एंट्री हो चुकी है. दरअसल आम के पकने और स्वाद से भरने का सही समय जून के मध्य का है लेकिन इस बार बाजार में थोड़ा पहले ही पीले-पीले आम नजर आने लगे हैं. रस भरे आम को देखकर लोग भी स्वाद लेने का मौका नहीं छोड़ना चाहते और बाजार में पहुंच रहे हैं.
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अभी स्वाद में भी दम नहीं, कीमत भी कम नहीं
आम समय से पहले बाजार में आया है तो जाहिर है कि उसमें स्वाद में कमी तो होगी. जी हां बिल्कुल ऐसा ही है. दरअसल अभी जो आम बाजार में आ रहे हैं, वो स्वाद में मिठास से भरे नहीं हैं. अभी के आम स्वाद के लिहाज से तो कमजोर हैं ही साथ ही उनकी कीमत भी अभी आम आदमी की पहुंच से दूर है. पटना के बाजारों में उपलब्ध आम की औसत कीमत अभी डेढ़ सौ रुपए प्रति किलो से लेकर 300 रुपए किलो तक है. इतना ही नहीं अभी जो आम बाजार में मिल रहे हैं वो प्राकृतिक तरीके से पके हुए नहीं हैं बल्कि उन्हें मैच्योर होने से पहले ही कार्बाइड देकर पकाया जा रहा है. ऐसे आम न सिर्फ मुंह का स्वाद बिगाड़ रहे हैं, बल्कि जेब ज्यादा ढीली करने के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिहाज से भी हानिकारक है. दुकानदार भी मानते हैं कि आम में अभी प्राकृतिक स्वाद नहीं है. लेकिन ग्राहकों की मांग पर उन्हें कार्बाइड वाला आम ही बेचना पड़ रहा है.
अब जून का इंतजार, जब स्वाद बढ़ाएंगे रसीले आम
बाजार में तरह-तरह के आम मौजूद हैं और बड़ी संख्या में लोग उन्हें खरीदने भी पहुंच रहे हैं. इनमें जर्दालु, सीपीया, भागलपुरी और मालदा आम लोगों को भा रहे हैं लेकिन सबसे ज्यादा मालदा आम की बिक्री हो रही है. वैसे सच कहा जाए तो मालदा आम के पकने का अभी सही समय नहीं है. अगले महीने ये आम पूरी तरह से अपने रंग में होगा. तब स्वाद भी होगा, रस भी होगा और सस्ता भी होगा. तो अब आम के शौकीनों को इंतजार है जून का जब बाजार में न सिर्फ आम की असली खुशबू बिखरेगी बल्कि वे उनके स्वाद और मिठास का आनंद लेकर अपने आपको तृप्त कर सकेंगे.
(इनपुट- रितेश मिश्रा)