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Purnia: किशनगंज के टेढ़ागाछ प्रखंड होकर गुजरने वाली रतुआ नदी का जल स्थर बढ़ रहा है. इसके साथ ही लगातार वहां पर कटाव कार्य चलने के कारण सरकारी स्कूल सहित कई गांवों पर इसका संकट मंडरा रहा है. ग्रामीणों के द्वारा कटाव निरोधी कार्य को रोकने की मांग की गई. कटाव निरोधी कार्य के कारण सरकारी स्कूल और बच्चों का भविष्य संकट में है.
नदी के किनारे पर स्थायी बांध की मांग
पड़ोसी देश नेपाल और उसके जुड़े क्षेत्रों में लगातार बारिश होने से किशनगंज जिले की सभी नदियां उफान पर हैं. वहीं, जिले के टेढ़ागाछ प्रखंड क्षेत्र से होकर बहने वाली रतुआ नदी का जल स्तर बढ़ गया है. हवाकोल पंचायत स्थित मध्य विद्यालय हवाकोल में रेतुआ नदी में कटाव जारी है. जिसके कारण विद्यालय का अस्तित्व संकट में है. साल 2020 से इस विद्यालय को बचाने की कोशिश की जा रही है. लेकिन इसको लेकर अभी तक कोई भी ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं. जिसके कारण ग्रामीणों में आक्रोश बना हुआ है. इस संबंध में ग्रामीणों की मांग है कि नदी के किनारे पर स्थायी बांध का निर्माण किया जाना चाहिए, ताकि विद्यालय को बचाया जा सके. साथ ही घरों को भी सुरक्षित किया जा सके.
कटाव के चलते घर छोड़ने पर मजबूर ग्रामीण
ग्रामीणों का कहना है कि जिले में बहने वाली नदियों का जल स्थर बढ़ने से गांव में संकट पैदा होता है. ग्रामीण नदी के कटाव के चलते अपना घर छोड़कर भागने को मजबूर हो जाते हैं. वहीं कटाव निरोधी कार्य के चलते ठेकेदारों और अधिकारियों की चांदी रहती है. ठेकेदार हर वर्ष गांव में नदी के कटाव के नाम पर केवल खानापूर्ति करते है,और सरकारी राशि को आपस में बांट लेते हैं.
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि विद्यालय के कटाव के बाद बच्चों की पढ़ाई बंद हो जाएगी. उनका भविष्य संकट में पड़ जाएगा. साथ ही कोई भी स्कूल के लिए दोबारा अपनी भूमि दान नहीं करेगा.
ग्रामीणों के शिकायत पर जल निस्सरण विभाग के पदाधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर स्कूल और गांव को बचाने के लिए जियो बैग और बम्बू पाइलिंग कर कटाव रोकने के कार्य मे जुट गए. लेकिन ग्रामीणों ने बताया कि यह बम्बू पाइलिंग से कटाव निरोधी कार्य महज खानापूर्ति है. जो कि कुछ दिनों तक ही किया जाएगा.
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