एक तरफ झारखंड सरकार गांव-गांव में बच्चों को अच्छी शिक्षा देने को लेकर नई-नई नीति बनाकर धरातल पर उतारने को लेकर प्रयास कर रही है. इसीके साथ ही साथ राज्य के 80 विद्यालयों को उत्कृष्ट विद्यालय का दर्जा दिया गया,
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लातेहार: एक तरफ झारखंड सरकार गांव-गांव में बच्चों को अच्छी शिक्षा देने को लेकर नई-नई नीति बनाकर धरातल पर उतारने को लेकर प्रयास कर रही है. इसीके साथ ही साथ राज्य के 80 विद्यालयों को उत्कृष्ट विद्यालय का दर्जा दिया गया, ताकि बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके, लेकिन आज अधिकारियों की लापरवाही के कारण लातेहार सदर प्रखंड के धनकारा के उत्क्रमित उच्य विद्यालय में 3 कमरे में तकरीबन 700 बच्चे पढ़ते है.
3 कमरों में होती है 1 से 10 तक की कक्षा
गौरतलब है, इस विद्यालय में 5 कमरे है. जिसमें एक कमरा अध्यापक का है दूसरा कमरे में कम्प्यूटर लैब और एक कमरे में स्मार्ट क्लास चलती है. बाकी तीन कमरों में स्कूल 1 से लेकर 10 तक की कक्षा की पढ़ाई होती है. किसी कमरे में 1 से 3 तक की कक्षा के बच्चे तो दूसरे में कमरे में 4 से 8 तक के छात्र और तीसरे कमरे में 9 से 10 तक के छात्रों की पढ़ाई होती है. ऐसे में स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे क्या पढ़ाई करेंगे और पढ़ाई बच्चे समझ पाएंगे इससे अंदाजा लगाया जा सकता है.
बच्चों की पढ़ाई हो रही बाधित
वहीं स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की बात माने तो हम लोग स्कूल तो आते है लेकिन किसी कमरे में 3 कक्षा की पढ़ाई की जाती तो किसी में 2 कक्षा की पढ़ाई की जाती है. हम लोगों को कुछ समझ में नहीं आता है. क्या पढ़ाई हो रही है. वहीं जनप्रतिनिधि की बात मानें तो स्कूल में कमरों की कमी है. जिस कारण बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है. इसको लेकर हमने भी शिक्षा विभाग को कहा है, कई बार पत्राचार भी किया है.
वहीं स्कूल के शिक्षक की बात मानें तो कमरों की कमी के कारण पढ़ाई प्रभावित तो रही है. ऐसे में कमरों में 2 से 3 कक्षा के बच्चों को पढ़ाते है दिक्कत हो रही है. वहीं स्कूल के प्राचार्य की बात मानें तो कमरों की कमी के कारण पढ़ाई करने में परेशानी है. इसको लेकर कई बार विभाग के अधिकारी को कहा गया है, लेकिन आश्वासन दिया जाता है कि समस्या का समाधान किया जा रहा है.
वहीं लातेहार जिला शिक्षा पदाधिकारी प्रिंश कुमार ने बताया कि आपके माध्यम से जानकारी मिली है कि स्कूल में कमरों की कमी के कारण बच्चों को एक कमरे में 2 से 3 क्लास की पढ़ाई हो रही है. इसकी सूची तैयार की जा रही है और सूची बनाकर सरकार को भेज दिया जाएगा. सरकार के मार्गदर्शन प्राप्त होते ही स्कूल में कमरों की संख्या को बढ़ा दिया जाएगा, ताकि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो सकें.
इनपुट- संजीव कुमार