बाइक वाले दुल्हनियां ले जाएंगे! घरवाले कर रहे थे शादी से इंकार, भागलपुर से बाइक लेकर वाराणसी पहुंचा दूल्हा
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बाइक वाले दुल्हनियां ले जाएंगे! घरवाले कर रहे थे शादी से इंकार, भागलपुर से बाइक लेकर वाराणसी पहुंचा दूल्हा

प्यार कहां सीमाओं में बंधता है,वह कहां समय के साथ रूकता और चलता है. प्यार शुभ और अशुभ के बंधन से भी मुक्त है. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि आज हम आपके सामने जो कहानी लेकर आए हैं वह कुछ ऐसा ही है.

 बाइक वाले दुल्हनियां ले जाएंगे! घरवाले कर रहे थे शादी से इंकार, भागलपुर से बाइक लेकर वाराणसी पहुंचा दूल्हा

पटना : प्यार कहां सीमाओं में बंधता है,वह कहां समय के साथ रूकता और चलता है. प्यार शुभ और अशुभ के बंधन से भी मुक्त है. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि आज हम आपके सामने जो कहानी लेकर आए हैं वह कुछ ऐसा ही है. इसमें ना दूरी दो प्रेमी को मिलकर रोक पाई ना समय ने उनके प्रेम के पांव में डोरी डालने में सफलता हासिल की और ना ही परिवार वाले के शुभ-अशुभ वाली बातों से वह बिचलित हुए. दरअसल इस पूरी कहानी में जो एक चीज थी वह थी कि रिश्ता तो दोनों के परिवार वालों ने तय किया था लेकिन वही परिवार वाले बाद में विलेन बन गए. 

बता दें कि भागलपुर के रहनेवाले नवल (27) की शादी परिवार वालों ने एक साल पहले यूपी की मोक्ष नगरी वाराणसी की रहनेवाली मनीषा (24) के साथ तय की थी. शादी तय होने के साथ ही आफत मानों दोनों के रिश्तों की दीवार ढाहने पर तुला था. पहले लड़के के घर इस शादी के तय होने के बाद किसी की मौत हो गई फिर थोड़े ही दिनों बाद लड़की के घर किसी की मौत हो गई. दोनों के घरवाले अब इस रिश्ते को अशुभ मानने लगे और शादी से इंकार कर दिया. दोनों परिवारों में मौत की वजह से पहले तो शादी की तारीख टलती गई और फिर दोनों के परिवार वालों ने निर्णय लिया कि अब दोनों की शादी नहीं हो सकती क्योंकि ये रिश्ता अशुभ है. 

शादी तय होने के एक साल के दौरान मनीषा और नवल एक दूसरे से लगातार संपर्क में रहे और फोन पर बात करते रहे. फिर दोनों एक दूसरे के प्यार में पड़े और परिवार के फैसले के खिलाफ जाकर शादी करने का फैसला कर लिया. इसके बाद नवल ने भागलपुर से 450 किलोमीटर तक वाराणसी की दूरी बाइक से तय की वहां से लड़की को लेकर वह वापस भागलपुर आया और फिर दोनों ने शादी कर ली. 

बता दें कि भागलपुर के खंजरपुर के रहनेवाले बच्चू तांती के बेटे नवल किशोर और वाराणसी के सरयुग प्रसाद की बेटी मनीषा की शादी घरवालों के रजामंदी से तय हुई थी. शादी की डेट पड़ने से पहले लड़की वालों के यहां किसी की मौत हो गई इसके बाद शादी की तारीख आगे बढ़ी और जब दूसरी तारीख तय हुई तो लड़के वाले के यहां किसी की मौत हो गई. इसके बाद दोनों के परिवार वालों ने इस रिश्ते को अशुभ मानकर शादी से इंकार कर दिया. 

इसके बाद बाइक से पूरी तैयारी के साथ नवल किशोर वाराणसी मनीषा के घर पहुंचा और वहां से मनीषा को दुल्हन के जोड़े में सजाकर बाइक पर बिठाया और फिर अपने शहर भागलपुर लौट आया. यहां खंजरपुर के एक मंदिर में दोनों ने शादी रचा ली. इस शादी के बाद से दोनों काफी खुश हैं. हालांकि इस शादी के बाद से दोनों के परिवार वाले नाखुश हैं लेकिन लड़की और लड़के का कहना है कि अगर किसी को दिक्कत है तो वह दोनों अलग ही रह लेंगे.   

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