Bihar News: 4324 आंगनबाड़ी सहायिका एक झटके में हो गईं बेरोजगार, नौकरी से धोया हाथ
Advertisement
trendingNow0/india/bihar-jharkhand/bihar2013039

Bihar News: 4324 आंगनबाड़ी सहायिका एक झटके में हो गईं बेरोजगार, नौकरी से धोया हाथ

बिहार में बांका जिले में एक साथ आंगनबाड़ी सहायिकाओं की नौकरी समाप्त हो गई. बता दें कि जिले की 4324 आंगनबाड़ी सेविका सहायिका को चयनमुक्त कर दिया गया. जिसके बाद से यहां जिले के कई आंगनबाड़ी केद्रों पर ताला लटक रहा है.

फाइल फोटो

Bihar News: बिहार में बांका जिले में एक साथ आंगनबाड़ी सहायिकाओं की नौकरी समाप्त हो गई. बता दें कि जिले की 4324 आंगनबाड़ी सेविका सहायिका को चयनमुक्त कर दिया गया. जिसके बाद से यहां जिले के कई आंगनबाड़ी केद्रों पर ताला लटक रहा है. बता दें कि यहां जिले की सेविका और सहायिका मांगों को लेकर हड़ताल पर थी. 

ये भी पढ़ें- जेएसएससी दफ्तर के बाहर हंगामा, हिरासत में आत्मदाह की कोशिश करने वाला छात्र

अब ऐसे में बांका जिले से इतनी बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी सेविकाओं को चयनमुक्त कर दिया गया है. बता दें कि अक्टूबर महीने से जिले की 2273 सेविका और 2051 सहायिका हड़ताल पर थीं और अपनी मांगों को पूरा करने के लिए आंदोलन कर रही थी. इन सभी को विभाग की तरफ से लगातार काम पर लौटने का निर्देश जारी किया जा रहा था. लेकिन, वह काम पर लौटने को तैयार नहीं थी और हड़ताल लगातार जारी थी. 

ये भी पढ़ें- Bihar Crime: ललित झा के माओवादी 'कनेक्शन' को लेकर बंगाल पुलिस ने शुरू की जांच

ऐसे में ICDC के निर्देश पर जिला प्रोग्राम पदाधिकारी के द्वारा इन सभी को चयनमुक्त करते हुए विभाग को इसको लेकर पत्र भेज दिया है. आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों को इनके हड़ताल की वजह से अक्टूबर के महीने से ही पोषाहार ही नहीं मिल पा रहा है. 

बता दें कि इस हड़ताल की वजह से ही तीन से 6 वर्ष की आयु के बच्चे प्राथमिक शिक्षा से भी वंचित हैं. सेविकाओं की हड़ताल की वजह से बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह से बंद है. जिसकी वजह से बच्चे भटक रहे हैं. वहीं प्रसूता महिलाएं और जो नई मां बनी हैं उनको भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.  

Trending news