Punjab: मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ऐलान किया कि रिहायशी इलाकों से शिफ्ट होने के लिए लुधियाना की उद्योग को तीन वर्षों की मोहलत दी जायेगी. राज्य सरकार आने वाले समय में ऐसे इलाकों की स्थिति के बारे में फ़ैसला लेने के लिए समिति का गठन करेगी.
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Aam Admi Party: पंजाब के सीएम भगवंत मान के नेतृत्व में सरकार पंजाब की इंडस्ट्री को ऐसा माहौल देना चाहती है कि वो चीन की इंडस्ट्री को भी मात दे सकें. इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए लगातार दूसरे दिन शुक्रवार को भी दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत सिंह मान ने लुधियाना और मोहाली में ‘सरकार-उद्योगपति मिलनी’ कार्यक्रम के दौरान उद्यमियों के साथ चर्चा की है. इस दौरान पंजाब के सीएम भगवंत मान ने इंडस्ट्री को प्रोत्साहित करने वाली करीब 58 पॉलिसी की घोषणा की है. वहीं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पंजाब में ये पहली बार हो रहा है कि कोई सरकार उद्यमियों के साथ बैठ कर उनकी समस्याओं पर चर्चा कर रही है.
ये तय करना है कि पंजाब की इंडस्ट्री को सिर्फ़ बचाना है या फिर चीन की इंडस्ट्री को हराना है. चीन की इंडस्ट्री को पंजाब की इंडस्ट्री हरा सकती है. इसके लिए हम पंजाब की इंडस्ट्री को उस स्तर पर लेकर जाना चाहते हैं, जब चीन को मात दे सकें. उन्होंने कहा कि पंजाब में अब हवा का रुख बदलने लगा है. यही वजह है कि जो इंडस्ट्री पंजाब से बाहर गई थीं, अब वो वापस आने लगी हैं.
हम वोट मांगने नहीं, उद्योगपतियों की समस्याएं सुनने और साथ मिलाकर पंजाब का विकास करने के लिए आए हैं- अरविंद केजरीवाल
मोहाली और लुधियाना में आयोजित ‘सरकार-उद्योगपति मिलनी’ कार्यक्रम के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम लोग वोट मांगने नहीं आए हैं. अक्सर नेताओं को चुनाव से पहले ही जनता की याद आती है और नेता जनता के बीच में केवल और केवल वोट मांगने के लिए जाते हैं. आज हम उद्योगपतियों के बीच आपके काम करने, आपकी समस्याएं सुनने और आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर पंजाब का विकास करने के लिए आए हैं. जापान के कंटीन्यूअस इंप्रूवमेंट पर उन्होंने कहा कि मैंने आईआईटी खड़गपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में आईआईटी पास किया है.
इंजीनियरिंग में तीन साल बाद कहीं ट्रेनिंग करने के लिए जाना पडता है. 1988 में मैंने मारुति उद्योग में ट्रेनिंग की थी. उस दौरान जापान के लोगों का मारुति में हस्तक्षेप अधिक था. वहां सजेशन बॉक्स स्कीम थी. जापान के लोगों का मानना था कि शॉप फ्लोर पर काम करने वाला कर्मचारी सबसे ज्यादा उसको जानकारी है कि उस प्रक्रिया को कैसे और अच्छा किया जा सकता है. इसमें कोई भी पर्ची डालकर अपना सुझाव दे सकता था और उन पर्चियों को टॉप पर बैठे सीएमडी आदि पढ़ते थे. जिस कर्मचारी के सुझाव पर सबसे ज्यादा बचत होती थी, उसे कैश अवार्ड दिया जाता था. हमें कई सरकारी दफ्तरों में सुझाव पेटी दिखाई देते हैं. उसमें सुझाव डाल दो तो कोई नहीं पढ़ता है.
हमने हर पॉलिसी व्यापारियों और उद्यमियों से मिले सुझाव पर बनाया है- अरविंद केजरीवाल
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सीएम भगवंत माने ने अखबारों में विज्ञापन देकर एक नंबर जारी किया और पंजाब के व्यापारियों और उद्यमियों से सुझाव मांगे. करीब 1500 सुझाव आए. भगवंत मान का नंबर था, यह कोई मामूली सुझाव पेटी नहीं है, बल्कि जपानी सजेशन स्कीम है. इस सुझाव पेटी में आए सभी 1500 सुझावों को खुद सीएम भगवंत मान ने पढ़ा और फिर निर्णय लिया. इसके बाद आज 58 पॉलिसी की घोषणा की गई है. हर पॉलिसी की घोषणा व्यापारियों और उद्यमियों से मिले सुझाव पर लिया गया है. हमारी सरकार व्यापारियों-उद्यमियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करना चाहती है. लोगों को यकीन नहीं हो रहा है कि बिना चुनाव के पंजाब और दिल्ली के मुख्यमंत्री एक साथ पंजाब में शहर-शहर जाकर उद्यमियों से बात कर रहे हैं.
आज तक कभी ऐसा नहीं हुआ था। कभी ऐसा नहीं हुआ था कि पहले सुझाव मांगे गए थे और बिना चुनाव के उद्यमियों के बीच जाकर बात करते थे. पहले फंड लेने के लिए ही उद्यमियों को बुलाते थे, अन्यथा नहीं बुलाते थे. अब लोगों को यकीन होने लगा है कि पंजाब बदल रहा है और निवेश किया जा सकता है. सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अमृत में पहले स्टील और फाउंड्र की 882 यूनिट होती थी, लेकिन अब 126 ही बची हैं. बाकी सारी पंजाब से बाहर चली गई हैं. अभी चर्चा के दौरान ये बात सामने आई कि दूसरे राज्यों की पॉलिसी अच्छी है. लेकिन यहां बात सिर्फ पॉलिसी की नहीं है.
हम भी अच्छी पॉलिसी बनाएंगे. पहले पंजाब के अंदर एक्सर्टाशन का माहौल था. नेता और अफसर इंडस्ट्री को नोंचने के लिए दौड़ते थे. पंजाब से इंडस्ट्री को लेकर तरह-तरह की कहानियां सुनने को मिलती थी. लोगों को डर लगता था और वे इंडस्ट्री उठाकर बाहर ले जाने लगे. यह हम लोगों ने सरकार बनने के बाद विरासत में पाया. डेढ़ साल के बाद पंजाब में एक बड़ा काम यह हुआ है कि पंजाब की हवा का रुख बदलने लगा है. जो इंडस्ट्री बाहर गई थीं, वो वापस आने लगी हैं.
आसपास के राज्यों को छोड़कर करीब 450 इंडस्ट्री पंजाब में आई हैं. राज्यसभा के अंदर एक प्रश्न पूछा गया था कि पिछले एक साल के अंदर किस राज्य में कितनी एमएसएमई पंजीकृत हुई हैं. केंद्र सरकार का आंकड़ा है कि पिछले एक साल में सबसे ज्यादा 2.79 लाख एमएसएमई पंजाब पंजीकृत हुई हैं. यह बहुत बड़ी बात है. पंजाब के अंदर 3420 नए प्रोजेक्ट शुरू हो चुके हैं. बाहर से करीब 50 हजार करोड़ रुपए का निवेश आ चुका है, इससे 2.86 लाख युवाओं को नौकरी मिलेगी. इसमें छोटे-बड़े सभी तरह के उद्यमी हैं. यह फर्जी एमओयू नहीं है.
अब लोगों को यकीन होने लगा है कि पंजाब बदल रहा है और पंजाब में निवेश किया जा सकता है. जब आम आदमी पार्टी की सरकार बनी थी, तब पंजाब में कानून व्यवस्था की हालत बहुत खराब थी. सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमने विरासत में जबरदस्ती वसूली का वातावरण पाया था. लोगों से जबरदस्ती पैसे छीने जाते थे. लेकिन आज माहौल ये है कि इंडस्ट्री बाहर से आ रही हैं. जब हमारी सरकार बनी थी तब पंजाब में कानून व्यवस्था की हालत बहुत खराब थी. लोगों को फिरौती के फोन आते थे. मैं ये नहीं कह रहा हूं कि कानून व्यवस्था पूरी तरह से ठीक हो गई है, लेकिन आज पंजाब की कानून व्यवस्था में काफी सुधार है.
इंडस्ट्री और बिजनेस को सबसे ज्यादा अच्छी कानून व्यवस्था की जरूरत होती है. इसके साथ ही भ्रष्टाचार में बहुत कमी आई है. पूरे पंजाब को एक मजबूत संदेश दिया गया है कि भ्रष्टाचार करने वाले लोगों को किसी भी कीमत पर छोड़़ा नहीं जाएगा. एक व्यापारी यही चाहता है. अब पूरे पंजाब के अंदर यह माहौल है कि ‘‘आप’’ की सरकार प्रो-इंडस्ट्री है और जनता के साथ मिलकर पॉलिसी बना रही है. इस सकारात्मक माहौल की वजह से पंजाब से बाहर जाने वाली इंडस्ट्री अब वापस आ रही हैं.
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ऐलान किया कि रिहायशी इलाकों से शिफ्ट होने के लिए लुधियाना की उद्योग को तीन वर्षों की मोहलत दी जायेगी. राज्य सरकार आने वाले समय में ऐसे इलाकों की स्थिति के बारे में फ़ैसला लेने के लिए समिति का गठन करेगी. राज्य सरकार लुधियाना में उद्योग की तरक्की के लिए वचनबद्ध है जिसके लिए हर संभव यत्न किये जाएंगे. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उद्योग को सुखद माहौल देने के लिए वचनबद्ध है. उद्योग तभी विकास करता है, जब उनका भरोसा सरकार की नीतियाँ और अमन-कानून की व्यवस्था में हो और राज्य सरकार उद्योगपतियों के लिए दिन-रात काम कर रही है. राज्य सरकार पंजाब को औद्योगिक सैक्टर में पंजाब का प्रथम राज्य बनाने के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेगी.
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा उद्योगपतियों के सलाह-मशवरे के साथ राज्य में नयी औद्योगिक नीति लागू की गई है. उद्योगों को इसका प्रयोग करना चाहिए और भविष्य में ज़रूरत पडऩे पर इस में उचित संशोधन किया जायेगा. आने वाले दिनों में यह मिलनी जारी रहेंगी. उन्होंने कहा कि लुधियाना से हिंडन के लिए उड़ानें पहले ही शुरू की जा चुकीं हैं और अब शहर को दिल्ली के साथ जोडऩे के लिए प्रयत्न किये जाएंगे. फिलहाल दिल्ली के लिए नयी उड़ानों की इजाज़त नहीं दी जा रही है, परन्तु फिर भी राज्य सरकार इस मुद्दे को केंद्र सरकार के समक्ष उठाएगी. उद्योगों को सुविधा प्रदान करने के लिए इस नेक कार्य में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जायेगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहली बार राज्य सरकार द्वारा व्यापारियों और उद्योगपतियों की सुविधा के लिए यह मिलनी करवाई जा रही हैं. पहले बड़े समागम केवल फोटो खिंचवाने के लिए ही करवाए जाते थे और इनका उद्योगों या राज्य को कोई लाभ नहीं मिलता था. राज्य सरकार ने इस रुझान को बदल दिया है और अब मीटिंगों का उद्देश्य उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाना है. औद्योगिक क्षेत्र में राज्य का स्थानीय स्तर पर किसी अन्य राज्य से कोई मुकाबला नहीं है. राज्य का उद्देश्य अब चीन के साथ मुकाबला कर उसे औद्योगिक क्षेत्र में पछाडऩा है. यह प्रगतिशील और मेहनती उद्योगपतियों के सहयोग से ही संभव हो सकेगा.