Anti Terror Conference 2023: आतंकवाद को जड़मूल से खत्म करने के लिए भारत का मिजाज अब धीरे-धीरे बदलता जा रहा है. आज दिल्ली में आतंकरोधी विभागों के प्रमुख दहशतगर्दी को खत्म करने का फाइनल प्लान बनाएंगे.
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Anti Terror Conference 2023 in Delhi by NIA: पिछले कई वर्षों से पाकिस्तान की शह पर देश में चल रहे आतंकवाद को भारत अब और सहने के मूड में नहीं है. आतंकवाद के मामले में अब तक डिफेंसिव अप्रोच रखते आए भारत ने अब अपनी नीति बदलकर 'डिफेंसिव-ऑफेंसिव' (Defensive Offensive) कर लिया है. इस संबंध में आज दिल्ली में आतंकवाद पर अंकुश लगाने के लिए बड़ी बैठक होने जा रही है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस दो दिवसीय बैठक में देश भर के ATS चीफ के साथ मीटिंग करके दहशतगर्दी के दंश को हमेशा के लिए खत्म करने की रणनीति तैयार करेंगे.
2 दिनों तक चलेगी बैठक
सूत्रों के मुताबिक दिल्ली में 5 और 6 अक्टूबर को हो रही इस बैठक में खालिस्तानी गतिविधियों, टेरर एक्टिविटी और गैंगस्टरो पर सख्त कार्रवाई के लिए रणनीति बनाई जाएगी. NIA की 'एंटी टेरर कॉन्फ्रेंस 2023' के नाम से हो रही इस बैठक में देश भर की पुलिस के ATS प्रमुख शामिल होंगे. इस बैठक में विदेशी धरती से खालिस्तानी-आतंकी और गैंगस्टर के गठजोड़ के खिलाफ कार्रवाई करने का भी प्लान तैयार किया जाएगा.
IB और रॉ चीफ भी होंगे शामिल
मामले से वाकिफ अधिकारियों के अनुसार यह बैठक कितनी अहम रहने वाली है, इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि NIA, IB और रॉ के चीफ भी इस बैठक में शामिल होकर देश के सामने मौजूद सुरक्षा चुनौतियों की जानकारी देंगे. साथ ही उनसे निपटने के उपायों पर अपनी रणनीति पेश करेंगे. रिपोर्ट के मुताबिक इस बैठक में IB, NIA और ATS समेत विभिन्न एजेंसियों में टेरर एक्टिविटीज के इनपुट्स शेयर करने का मैकेनिज्म भी तैयार किया जाएगा.
आतंकी संगठनों में बढ़ रहा डर
बताते चलें कि विदेशी शह पर चलने वाले आतंकवाद को लेकर अब तक सॉफ्ट रहा भारत का मिजाज (Defensive Offensive) धीरे-धीरे बदलता जा रहा है. भारत अब न केवल देश में मौजूद आतंकवाद का सफलता के साथ सफाया कर रहा है बल्कि उसे शह दे रहे पाकिस्तान और कनाडा जैसे देशों को खरी-खरी सुनाकर घुटनों पर आने के लिए मजबूर कर रहा है. इसी बीच पाकिस्तान और कनाडा में छुपे आतंकियों की रहस्यमय हत्याओं को भी कुछ लोग भारत की बदलती रणनीति से जोड़ रहे हैं. हालांकि सरकार ने ऐसी घटनाओं में अपना हाथ होने से साफ तौर पर इनकार किया है.
अजित डोवल ने दिया था डॉक्ट्रिन
बताते चलें कि ऑफेंसिव- डिफेंसिव (Defensive Offensive) का डॉक्ट्रिन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल का है. NSA बनने से पहले अजित डोवल ने एक कार्यक्रम में इस डॉक्ट्रिन के बारे में विस्तार से बात की थी. उन्होंने कहा था कि आतंकवाद को लेकर भारत की नीति फिलहाल डिफेंसिव है यानी कोई भी हमला होने पर वह डिफेंस करने में जुट जाता है लेकिन एक वक्त आएगा जब भारत को डिफेंसिव-ऑफेंसिव होना पड़ेगा. यानी कि उसे अपनी रक्षा करने के साथ ही आतंकवाद पर जवाबी पलटवार भी करना होगा.