गूगल का विकल्प कहा जाने वाला 'ChatGPT' उड़ा रहा हिंदू धर्म का मजाक, बाइबिल-कुरान पर दिया चौंकाने वाला जवाब
Advertisement

गूगल का विकल्प कहा जाने वाला 'ChatGPT' उड़ा रहा हिंदू धर्म का मजाक, बाइबिल-कुरान पर दिया चौंकाने वाला जवाब

Chat GPT धर्म से संबंधित चुनिंदा सवालों के आपत्तिजनक जवाब दे रहा है. ये धर्म से जुड़े सवालों पर हिंदू धर्म को अपमानित करने वाले जवाब दे रहा है. श्रीराम, लक्ष्मण, सीता और रामायण जैसे धर्म ग्रंथ और भगवान बुद्ध का ये मजाक उड़ा रहा है.

गूगल का विकल्प कहा जाने वाला 'ChatGPT' उड़ा रहा हिंदू धर्म का मजाक, बाइबिल-कुरान पर दिया चौंकाने वाला जवाब

चैट जीपीटी (Chat GPT) टेक्नोलॉजी इन दिनों चर्चा में है और कहा जा रहा है कि ये तकनीक भविष्य में गूगल जैसे सर्च इंजन का काम तमाम कर सकती है. लेकिन समस्या ये है कि इस तकनीक का इस्तेमाल हिंदू धर्म के खिलाफ बड़ी साजिश के तहत की जा रही है. चैट जीपीटी की मदद से इंटरनेट की दुनिया में आर्टिफीशियल इंटेंलिजेंस (Artificial Intelligence) टेक्नोलॉजी के जरिए हिंदू देवी-देवताओं का मजाक उड़ाया जा रहा है.

दरअसल, Chat GPT आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर काम करने वाली तकनीक है. GPT का मतलब है जनरेटिव प्री-ट्रेंड ट्रांसफॉर्मर (Generative Pre-Trained Transformer). इसे एक ऐसा रोबॉट समझिए, जो आपके हर सवाल का जवाब देता है. बस आपको इससे सवाल पूछना है और ये आपको सटीक जवाब देगा. अगर आपको छुट्टी की एप्लीकेशन लिखना है, तो ये उसे भी लिख देगा, होमवर्क के सारे सवालों के जवाब भी दे देगा. यही नहीं, ये आपके पूछे गए हर सवाल का सटीक जवाब देने की कोशिश करता है.

बाइबिल नहीं, रामायण पर सुना रहा है चुटकुले

Chat GPT आपको अपनी कोडिंग के हिसाब से जवाब देता है. इंसानों की कम्प्यूटर कोडिंग से जन्मा Chat GPT धर्म से संबंधित चुनिंदा सवालों के आपत्तिजनक जवाब दे रहा है. ये धर्म से जुड़े सवालों पर हिंदू धर्म को अपमानित करने वाले जवाब दे रहा है. श्रीराम, लक्ष्मण, सीता और रामायण जैसे धर्म ग्रंथ और भगवान बुद्ध का ये मजाक उड़ा रहा है. श्रीराम, सीता, लक्ष्मण  और रामायण पर चुटकुले सुना रहा है.

लेकिन यही CHAT GPT बाइबिल, जीसस, कुरान या अन्य धर्मों पर चुटकुले पूछने पर, उसे धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाले सवाल बता रहा है. CHAT GPT को इस तरह से प्रोग्राम किया गया है, कि वो हिंदू धर्म का मजाक उड़ाए, लेकिन अन्य धर्मों की भावनाओं का ख्याल रखे. अफसोस अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. इस टूल की कोडिंग इसी तरह से की गई है, कि वो हिंदू समुदाय की धार्मिक भावनाएं आहत करे.

जानकर उड़ाया जा रहा हिंदू धर्म का मजाक

हलांकि ऐसा नहीं है कि Chat GPT में ये कोडिंग नहीं की गई है, कि हिंदू धर्म से जुड़े देवी देवता कौन हैं. CHAT GPT में हमने श्रीराम पर जोक सुनाने के लिए पूछा था, तो इस पर उसने जोक लिखा. मतलब वो लोगों को हंसाने के लिए श्रीराम का अपमान करने से भी पीछे नहीं हटा. लेकिन इसके बाद हमने इस्लाम धर्म पर कोई जोक सुनाने के लिए कहा तो जवाब मिला, 'मैं माफी चाहता हूं, लेकिन किसी धार्मिक शख्सियत पर जोक सुनाना गलत है. ये जरूरी है कि सभी धर्मों की मान्यताओं का सम्मान किया जाए. क्या मैं आपकी कुछ और मदद कर सकता हूं?'

मतलब ये है कि इस्लाम धर्म पर जोक सुनाने को वो धार्मिक मान्यताओं से जोड़कर, अपमानित नहीं करने की बात कह रहा है. कुछ इसी तरह का जवाब हमें जीसस, सिख धर्मगुरुओं और कई अन्य धर्म पर भी जोक सुनाने के सवाल पर मिला.

हमने हिंदू धार्मिक ग्रंथ रामायण पर जोक सुनाने के लिए कहा. CHAT GPT ने रामायण पर भी जोक सुना दिया. लेकिन इस बार उसने कुछ और बातें भी लिखीं. उसने लिखा- 'ये बात ध्यान में रखनी चाहिए कि रामायण, हिंदू धर्म का धार्मिक ग्रंथ है. तो जरूरी है कि उसका सम्मान रखा जाए.'

यानी CHAT GPT के प्रोग्रामर्स को मालूम है कि रामायण, हिंदू धर्म का पवित्र ग्रंथ है. लेकिन बावजूद इसके ये रामायण से जुड़ी घटनाओं और श्रीराम लक्ष्मण पर जोक सुना रहा है. यानी उसे इस तरह से प्रोग्राम किया गया है कि वो हिंदू धर्म को अपमानित करे.

इसकी मदद से लोग लिख चुके हैं किताब

CHAT GPT, की तकनीकी भविष्य में  इंसानों के बहुत से काम आसान बना देगी. इसे Open AI कंपनी ने करीब 2 महीने पहले लॉन्च किया था.  कंपनी ने लोगों को सहूलियत देने के लिए ChatGPT नाम का एक Chatbot लांच किया गया था. चंद दिनों के अंदर ही CHAT GPT के यूजर 10 लाख से भी ज्यादा हो गए हैं. CHAT GPT का फायदा उठाते हुए कई लेखकर चंद घंटों में ही अपनी पूरी किताब लिख चुके हैं, कई आर्टिस्ट कॉमिक बुक लिख चुके हैं. वेबसाइट की कोडिंग कर चुके हैं, कार्टून तक बना चुके हैं.

स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के मुताबिक ये 17 हजार 500 करोड़ मॉड्यूल पर काम करता है. अभी तक इसका परीक्षण 570 गीगाबाइट्स Text पर किया जा चुका है. यानी ये बहुत ही बड़ी मात्रा में डेटा का विश्लेषण कर चुका है. विश्लेषण करने के साथ ही ये अपने हिसाब से कई कैल्कुलेशन करके, निष्कर्ष भी निकालता है.

साइबर कानून के विशेषज्ञ भी मानते हैं कि किसी AI ने अगर किसी धर्,म चाहे वो हिंदू हो, मुस्लिम हो या ईसाई धर्म हो, उनके खिलाफ भेदभावपूर्ण रवैया अपनाया है, तो ये आखिरी बार नहीं है. मुमकिन है कि आने वाले समय में इस तरह की घटनाएं और ज्यादा हों. ऐसे में भारत में भी ऐसे ठोस कानून बनाने की जरूरत हैं, जिससे इस पर कार्रवाई हो सके.

पाठकों की पहली पसंद Zeenews.com/Hindi - अब किसी और की ज़रूरत नहीं

Trending news